बिल्डिंग निर्माण होते समय क्यों होती है मजदूरों की मौत।

दिल्ली में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण करते समय कई बार अनेकों हादसे होने से चली गयी कामगार मजदूरों की जान। (विशेष संवाददाता- कुन्दन)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम से अनुमति, नक्शा, लेआउट और सेंक्शन प्लान प्राप्त कर अनेकों भवन निर्माण और बहुमंजिला इमारतों का कार्य चलते ही रहते हैं। बहुमंजिला इमारतों को बनाने वाले बड़े बिल्डर, बिल्डिंग निर्माण से पूर्व ही कामगारों की सुरक्षा का विशेष ध्यान भी रखते हैं। लेकिन वहीँ दूसरी ओर बिल्डिंग निर्माण और बेसमेंट खोदने के दौरान अनेकों बार हादसे होते देखे गए हैं। इस हादसों में कई मजदूरों की मौत का निवाला भी बनना पड़ा है। हादसे का शिकार गरीब मजदूर के परिवार की स्थिति बद से बदतर हो जाती है। राजधानी दिल्ली में अनेकों बार भवन निर्माण के दौरान कई हादसे हुए और मृतक मजदूर के परिवार को अधिकतर दो लाख रुपये तक मुआवजा दिया गया है। एक बात समझ से परे है कि कैसे एक मृतक का परिवार कैसे दो लाख रुपए से गुजर बसर करेगा। गौरतलब है कि बीते दिनों दक्षिणी दिल्ली के ओखला औधोगिक क्षेत्र में बेसमेंट खोदने के दौरान मलबा गिरने से आठ मज़दूर दब गए थे। इस हादसे में मौके पर दो मजदूरों की मौत हो गई थी और छः मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गये थे। बताया जा रहा है कि हादसे में मरने वाले मजदूर बिहार से ताल्लुक रखते थे और मजदूरी कर परिवार का पालन करते थे। इस हादसे में मृतक परिवार को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हज़ार का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।

क्यों होते हैं भवन निर्माण करते समय हादसे।

दक्षिणी दिल्ली के ओखला, पुल प्रहलादपुर,शाहीन बाग़, जामिया नगर, खड्डा कॉलोनी, जैतपुर इलाकों में बिल्डर भवन निर्माण करते ही रहते हैं। इन भवन निर्माण की जानकारी निगमकर्मियों और स्थानीय प्रशासन को रहती है। इनमें कुछ भवन निर्माण अवैध रूप से भी चलते रहते हैं। इन बहुमंजिला इमारतों और फैक्टरियों को समय से पहले पूरा करने का दबाव बिल्डर/कांट्रेक्टर मजदूरों पर डालते हैं, जिसकी वजह से लापरवाही होने से हादसे बढ़ते हैं। अक्सर देखा जाता है कि भवन निर्माण के कार्यरत मजदूर जिसमें महिलाएं भी शामिल रहती हैं के लिए कोई सुरक्षा पैमाना तय नहीं होता है। इन मजदूरों के सिर पर हेलमेट नहीं होता, सेफ्टी बेल्ट नहीं होती बल्कि पैरों में बूट तक नहीं होते हैं। सबसे बड़ी बात बिल्डर द्वारा किसी प्रकार की अनहोनी होने पर मजदूर के लिए वर्कमेन कम्पन्सेशन इन्शुरन्स पालिसी तक नहीं ली जाती है। जबकि नियमानुसार बिल्डिंग निर्माण करने से पहले बिल्डर को निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूर, सुपरवाईजर, मैनेजर आदि के लिए वर्कमेन कम्पन्सेशन इन्शुरन्स पालिसी, सुरक्षा उपकरण आदि का होना अनिवार्य होता है। ताकि अनहोनी होने पर अधिक क्षति से बचा जा सके और हादसे के शिकार कामगार मजदूरों के परिवार को बीमा राशि का भुगतान किया जाए, लेकिन बिल्डर अधिक मुनाफ़ा के चक्कर में गरीब मजदूरों की जान से खिलवाड़ करते हैं।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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