स्वतन्त्रता दिवस (Independence Day 2023) क्या है भारतीय ध्वज संहिता? तिरंगे को घर में फहराने से पहले जान लें ये नियम।
भिकियासैण (अल्मोड़ा) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का फहराना, उपयोग और प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा नियंत्रित होता है। भारतीय ध्वज संहिता 26 जनवरी, 2002 को प्रभावी हुई।
1- दरअसल, 30 दिसंबर, 2021 के आदेश द्वारा भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन किया गया और पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज की अनुमति दी गई है। अब, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते और हाथ से बुने हुए या मशीन से बने, कपास/पॉलिएस्टर/ऊनी/रेशम खादी के बने होंगे।
2- भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 19 जुलाई, 2022 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया था और भारतीय ध्वज संहिता के भाग- II के पैराग्राफ 2.2 के खंड (xi) को निम्नलिखित खंड द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था:- (xi) ‘जहां झंडा है इसे खुले में प्रदर्शित किया जा सकता है, या जनता के किसी सदस्य के घर पर प्रदर्शित किया जा सकता है, इसे दिन-रात उड़ाया जा सकता है।
3- सार्वजनिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का कोई सदस्य, राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुरूप, सभी दिनों और अवसरों पर, औपचारिक या अन्यथा, राष्ट्रीय ध्वज फहरा/प्रदर्शित कर सकता है।
4- जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए तो उसे सम्मान का स्थान प्राप्त होना चाहिए और उसे स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए।
5- राष्ट्रीय ध्वज का आकार आयताकार होगा। झंडा किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन झंडे की लंबाई और ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होगा
6- क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त झंडे को इस्तेमाल नहीं किया जाएगा यानि उसे फहराया नहीं जाएगा।
7- ध्वज संहिता के भाग III की धारा IX में उल्लिखित गणमान्य व्यक्तियों, जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल आदि को छोड़कर किसी भी वाहन पर झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए।
8- झंडे को किसी भी अन्य झंडे या झंडों के साथ एक ही स्थान पर नहीं फहराना चाहिए और न ही इसे किसी अन्य झंडे के साथ रखा जाना चाहिए।
9- राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा और छपा नहीं होना चाहिए।
10 – ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रह सकता है।
ऊपरोक्त नियमों के सापेक्ष हम सभी भारतीयों को स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।