स्याल्दे विकासखंड के जसपुर ग्राम वासियों ने नींबू (कागजी) पैदा कर बनाया अपना रोजगार।

भिकियासैण/स्याल्दे। यदि मन में लगन हो व कुछ करने की दृढ ईच्छा हो तो कोई भी व्यक्ति अपनी मंजिल पा लेता है। ऐसा वाक्या विकासखण्ड मुख्यालय स्याल्दे के निकटवर्ती ग्राम सभा जसपुर (चम्पानगर) की है, जहां की आवादी आज भी 70% है। जो एक गांव की पहचान को दर्शाता है। इस गांव के निवासी कर्मठ, लगन सील, ईच्छा शक्ति वाले है जो खुद कि मेहनत से आगे बढ़ने का हौसला रख कर आत्मनिर्भर बनना चाहते है। आज इसका उदाहरण ग्राम वासियों ने खुद पेश किया है। ग्राम वासियों ने अपनी जमीन पर छोटे नींबू (कागजी) के पेड़ लगाये हैं, जो व्यवसाय का साधन बना है।

ग्राम प्रधान सन्तू रावत ने बताया कि जंगली जानवरो द्वारा बार-बार फसलो को नुकसान पहुचाया जाता रहा है, ऐसे में ग्राम वासी निराश हो चुके थे, तभी गाँव के ही एक प्रेरणा स्रोत वरिष्ठ जन श्रीं वासवा नन्द बलोदी जो वर्तमान में सिंगापुर में रहते है। स्कूल कि पढ़ाई व बचपन ग्राम जसपूर में बीता है। जब वे अपने पैतृक गांव जसपुर आये तो फसलों को काफी नुकसान हो रहा था, पूर्व के दिनों को उन्होने याद किया कि हमारे पूर्वज कई कुन्तलों का अनाज उत्पादन कर पैदा करते थे, लेकिन आज जंगली जानवरों ने गांँव -गाँव के फसलों को पूरी चट करने का काम किया है।अपने मन में उन्होने नींबू के पेड़ लगाने की सोची, जिसमें उन्होने इस नींबू बागवान कि नींव सन् 2017 में रखी गई, जिसमें लगभग 10 हैक्टेयर भूमि में 30,000 नींबू के पेड़ ग्राम वासियों की मदद से लगाये गये है, जो आज कम से कम 20,000 फल दे रहे है।

बागवान के संरक्षण के लिए गाँव के बुद्धिजीवी बुजुर्ग आनन्द बल्लभ पंचोली (सेवानिर्वत नेवी), खीम सिह रजवार (सेवानिर्वत प्रवक्ता अंग्रेजी), कान्ति वल्ल्भ दुर्गापाल (सेवानिर्वत शिक्षा विभाग) इन्ही के दिशा निर्देशन में कार्य प्रगति सील है। प्रधान द्वारा बताया गया कि नींबू मंडी तक 50 रु. किलो बिक रहा है, जो अक्टूबर में तैयार हो जायेगा, सभी ग्रामवासी इसकी देख रेख में लगे रहते है। बारी-बारी से सभी लोग समय देकर देखभाल कर रहे है, जिसमें दिगम्बर रजवार, चन्द्र प्रकाश पचोली, मनोज रजवार, चन्दन रजवार, गिरीश जोशी, हरीश विष्ट, कैलाश फुलारा, नरेन्द्र हथेली (पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य) प्रकाश बुधलाकोटी, रघुवर सिह, भावना हथेली, योगिता रावत (पूर्व प्रधान) मीना रजवार, चम्पा हथेली, जानकी देवी, कमला भडांरी, जितेंद्र रजवार, हरीश शाह, टीकाराम बुधलाकोटी, हरीदत फुलारा, शिशुपाल आर्या, शकुन्तला रजवार आदि बढ़-चढ़ कर नींबू की फसल की देखभाल करने में जुटे है। सभी ग्राम वासियों का कहना है कि शासन-प्रशासन यदि स्थानीय बाजार उपलब्ध करा दे तो अन्य ग्राम वासियों को भी इसका लाभ मिल जाता।
रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण










