विभागीय प्रमाद के कारण लाखों के आवासीय भवन जर-जर हालत से पडे़ सूने। (एस. आर. चन्द्रा)

भिकियासैंण (अल्मोड़ा) अटल उत्कृष्ट राजकीय इन्टर कॉलेज भिकियासैंण के अध्यापक व कर्मचारी आवास आज मरम्मत के बिना बरबाद हो रहे है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। विद्यालय अटल उत्कृष्ट राजकीय इण्टर कॉलेज भिकियासैंण जो अल्मोड़ा जनपद के तहसील भिकियासैंण के मुख्यालय का प्राचीन विद्यालय है।इसकी स्थापना जूनियर हाई स्कूल के रूप में सन् 1965 में हुई। उस समय यह दूर-दूर तक के गाँवों का एकमात्र शिक्षण केन्द्र था। इससे पूर्व स्थानीय विद्यार्थी चौनलिया, विनायक, बासोट में प्रबंधन समिति द्वारा संचालित विद्यालयोँ में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। धीरे-धीरे इस क्षेत्र में जनता की जागृति के परिणाम स्वरूप विद्यालय के उच्चीकरण की मांग को देखते हुए वर्ष 1977 में हाई स्कूल और 1978 में इंटरमीडिएट के रूप में विद्यालय का उच्चीकरण हुआ। विद्यालय के पास कुल 48 नाली 9 मुठ्ठी ( 8700 वर्ग मीटर) भूमि है जो तत्कालीन स्थानीय काश्तकारों के द्वारा विद्यालय संचालन हेतु दानस्वरूप प्रदान की थी।

क्षेत्र के विद्यालयोँ में यह एकमात्र विद्यालय था जिसके परिसर में शिक्षक-कर्मचारियों के 10 आवासों से युक्त 3 भवन बने हुए हैं। पूर्व में शिक्षक-कर्मचारी यहीं आवासों में ही रहते थे, लेकिन वर्तमान समय में भवनों के समुचित रख-रखाव के कारण 7 आवास जर्जर हालत में खाली पड़े हुए हैं। पेयजल संयोजन आवासों में नहीं है, वर्षों से रंग रोगन एवं दरवाजों-खिड़कियों की मरम्मत, छत की सुरक्षा वॉल के अभाव में सुविधाविहीन आवास मरम्मत की वाट जोह रहे हैं। वर्तमान केवल 3 शिक्षक ही सुविधाविहीन आवासीय कक्षों में रहते हैं।सरकारी आवास में रहने पर कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता वेतन से ही राजकोष में जमा हो जाता है। वर्तमान में 7 आवास खाली पड़े हुए हैं, जबकि जरूरतमंद स्टाफ बाहर किराए पर मजबूरी में रहते हैं। यदि सरकारी आवासों की मरम्मत कर रंग रोगन, जलसंयोजन से सुविधायुक्त बनाया जाता तो, विद्यालय की सम्पन्नता में चार चाँद लग जाते। सरकार को इनमें रहने वाले कर्मचारियों को अलग से मकान किराया भत्ता नहीं देना पड़ता और सरकारी संपत्ति का सदुपयोग होता, किन्तु इस ओर शासन-प्रशासन का ध्यान ही नहीं है। जिस कारण लाखों की संपत्ति दिन-प्रतिदिन बरबादी के कगार पर जा रही है। कर्मचारी बाहर गाँव-बाजार में किराया देकर रहने को मजबूर हैं।

वही वर्तमान में अटल उत्कृष्ट राजकीय इण्टर कॉलेज यों तो अंग्रेजी माध्यम से संचालित हो रहे है, लेकिन यहाँ पर प्रधानाचार्य सहित प्रवक्ता-अंग्रेजी और एल टी अंग्रेजी के दोनों पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं। अन्य विद्यालयोँ में अतिथि शिक्षकों की अस्थाई व्यवस्था भी विभाग द्वारा की जा रही है, लेकिन यहाँ पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं की गई है। कक्षा 9-10 में अभिभावकों ने प्रतिमाह अतिरिक्त शुल्क जमा करते हुए एक शिक्षक की व्यवस्था की है, जबकि इंटरमीडिएट कक्षाओं में सप्ताह में केवल 3 दिन कक्षा संचालन के लिए बीईओ कार्यालय से अस्थाई व्यवस्था की गई है। अंग्रेजी शिक्षक के अभाव में अभिभावकों द्वारा निकटवर्ती पब्लिक स्कूल में अपने पाल्यों को प्रवेश दिलाया जा रहा है। विद्यालय में परिचारकों (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों) के 6 और स्वच्छक का पद भी रिक्त पड़े हुए हैं।एकमात्र महिला चतुर्थ श्रेणी कार्मिक भी अधिवर्षता आयु पूरी कर सेवानिवृत्त होने वाली हैं। अभिभावक संघ लम्बे समय से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से करते आ रहा है लेकिन परिणाम सिफर हैं। समय रहते शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देगा तो, आने वाले समय में जनान्दोलन होना कोई दूर नहीं।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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