जनता के हितों की अनदेखी पर चुप्पी साधना स्वीकार्य नहीं, जनहित में जारी रहेगा संघर्ष – मदन बिष्ट, विधायक, द्वाराहाट।

द्वाराहाट। प्रैस को जारी एक बयान में द्वाराहाट के विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज में हो रहे भ्रष्टाचार, मैस, दैनिक वेतन भोगी, सुरक्षाकार्मियों के मानदेय वृद्धि और अन्य मुद्दों लेकर वे संस्थान के डायरेक्टर से वार्ता करने पहुंचे थे। परन्तु डायरेक्टर कृष्ण कांत मेर के द्वारा उन्हें अपशब्द बोलकर वहाँ से निकल जाने के लिए कहा गया, जो स्पष्ट तौर पर द्वाराहाट की उस जनता का अपमान है जिन्होंने उन्हें जिताकर विधानसभा भेजा। उन्होंने कहा कि डायरेक्टर ने केवल मदन बिष्ट को बाहर नहीं निकाला, अपितु जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधि को बाहर का रास्ता दिखाकर द्वाराहाट की जनता का अपमान किया है, जो उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं है। विधायक बिष्ट ने कहा कि उस घटना को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि कॉलेज में छात्रों के बीच लाठी डंडे और हथियार चले जिसमें 3 छात्रों के सिर में गंभीर चोटे आयी और कुछ छात्र चोटिल हुए। अपनी ग़लती को छुपाने के लिए संस्थान द्वारा 18 छात्रों को आनन फानन में संस्थान से निलंबित कर दिया गया। यह घटना स्पष्ट तौर पर दर्शाती है, कि कॉलेज में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी अपनी चरम सीमा पर है। उन्होंने कहा कि इन्ही सब बातो को लेकर वे डायरेक्टर से वार्ता करने के लिए गये थे। उन्होंने आरोप लगाया कि गोपेश्वर और टिहरी में भी ये डायरेक्टर भ्रष्टाचार में लिप्त रहे है, तथा इनके द्वारा लगातार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। डायरेक्टर के इस भ्रष्टाचारी चेहरे को बेनकाब करना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि उनकी जवाबदेही सिर्फ और सिर्फ द्वाराहाट की जनता के प्रति है, और वे कुमाऊं इंजीनिरियंग कॉलेज में हो रहे भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के विरोध में इस लड़ाई को लड़ते रहेगे। विदित हो कि अब लोग खुलकर द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट के पक्ष में आ रहे हैं, तथा सोशल मीडिया पर भी विधायक बिष्ट का पक्ष रख रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब अधिकारी विधायक जैसे पद पर बैठे आदमी की बात नहीं सुन रहे है, तो आम जनता से ये कैसा बर्ताव करते होंगे ये सर्वविदित है । बरहाल अब इस मुद्दे पर विधायक मदन बिष्ट को लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है, तथा लोग खुलकर विधायक बिष्ट के पक्ष में बोल रहे हैं।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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