कुमाऊं में दोपहर के बाद भूकम्प के हल्के झटके आने से लेकर लोग काफी भयभीत, बाहर निकले लोग।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। उत्तर भारत में भूकंप के जोरदार झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल गए। भूकंप के झटके लगभग पांच सेकंड चले। वहीं कुमाऊं में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे लोगों में दहशत फैल गई, और लोग घरों से बाहर निकल आए। कुमाऊं के पिथौरागढ़, रामनगर, अल्मोड़ा, रानीखेत, सल्ट, भिकियासैंण, समेत अन्य जगहों पर दोपहर 2:53 बजे पर भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.2 थी । भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है।
भूकंप आने पर आपको क्या करना चाहिए, भूकंप आने पर क्या करें :-
भूकंप के झटके महसूस हों तो तुरंत उसी समय फर्श पर बैठ जाएं। भूकंप के झटके महसूस होने पर जान बचाने के लिए घर में रखी किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठ जाएं। भूकंप के दौरान अपने हाथों से सिर और चेहरे को अच्छी तरह से ढक लें, ताकि आप किसी तरह की जानलेवा चोट का शिकार न हों। भूकंप के झटके महसूस होने पर घर से बाहर निकलने की जल्दबाजी न करें, अगर घर में हैं तो घर के अंदर ही बने रहें व झटके रुकने पर जल्द से जल्द बाहर निकल जाएं। अगर आप ऊंची बिल्डिंग में रहते हैं तो भूकंप के झटके महसूस होने पर लिफ्ट का प्रयोग न करें। इसके बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करते हुए नीचे उतर जाएं। भूकंप रात के समय आए और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, लेकिन सिकुड़कर अपने शरीर की एक छोटी-सी गठरी सी बना लें और तकिया लेकर सिर को अच्छे से ढक लें।
अगर भूकंप के कारण आपकी बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है और आप मलबे के नीचे दबे रह जाते हैं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे दबने पर अपने जिंदा होने के बारे बताने के लिए किसी पाइप या दीवार को किसी तरह थपथपाते रहें, ताकि जब बचाव दल वहां पहुंचे तो वह इस आवाज को सुनकर आपको बचा लें। मलबे के नीचे दबे होने पर बचाव के लिए आसपास कुछ न हो तो समय-समय पर चिल्लाते रहें और हिम्मत बिल्कुल ना हारें। अगर आप भूकंप के दौरान घर से बाहर हैं तो किसी बिल्डिंग या बड़े पेड़ से सुरक्षित दूरी पर खड़े हो जाएं. किसी पुल के नीचे भूलकर भी न जाएं। भूकंप के दौरान अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो गाड़ी को तुरंत किसी किनारे रोककर खड़े रहें। अगर बाहर जाना जरुरी हो तो गाड़ी से कुछ दूरी पर खड़े हो जाएं।