राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का भारत रंग महोत्सव विश्व का सबसे बड़ा थिएटर फेस्टिवल रामनगर में हुआ शुरु।

रामनगर (नैनीताल)। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का भारत रंग महोत्सव रामनगर में शुरु हो गया है। उक्त महोत्सव विश्व के सबसे बड़े थिएटर फेस्टिवल में से एक है। यह 1 फरवरी को मुंबई से शुरु हुआ था, जो अब रामनगर पहुँच चुका है। यह भारत रंग महोत्सव का 25वाँ वर्ष है जो कि 1 फरवरी से 21 फरवरी तक भारत के 15 शहरों में आयोजित किया जा रहा है। इस 21 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 से अधिक नाटकों का प्रदर्शन, कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टर क्लास शामिल है।

रामनगर में यह थिएटर फेस्टिवल राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय तथा शाइनिंग स्टार स्कूल के सहयोग द्वारा 15 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है, जो 20 फरवरी तक चलेगा। रंगमंच प्रेमियों को पंडित एन. डी. तिवारी ऑडिटोरियम, रामनगर में अगले पांच दिनों तक एक से बढ़कर एक नाटक देखने को मिलेंगे। महोत्सव की शुरुआत 15 फरवरी को शाम 6:00 बजे ‘तानी ला तान्यो’ नाटक के साथ होगी। 16 फरवरी को ‘कित्तनखोला’, 17 फरवरी को ‘जलियाँवाला बाग फाइल्स’, 18 फरवरी रुसी नाटक ‘कास्टिंग’ को और 19 फरवरी को ‘क्लेसह’ का मंचन किया जाएगा। रामनगर थिएटर फेस्टिवल का समापन ‘तीलू रौतेली’ नाटक से होगा।

इस नाटक में उत्तराखंड की महिला योद्धा के बारे में प्रस्तुति दी गई है। जैसा कि आप जानते हैं रामनगर लंबे समय तक रंगमंच के क्षेत्र में कोलकाता के बाद सबसे बड़ा महोत्सव आयोजित कराने वाला शहर रहा है। एक दशक से ज़्यादा तक चले इस बड़े आयोजन के प्रभाव की वजह से कला और कलाकारों को सम्मान देने के लिए रामनगर वासी हमेशा बड़ी संख्या में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत करते रहें है। रामनगर के रंगमंच के समृद्ध इतिहास को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित भारत रंग महोत्सव रामनगर के लिए किसी उपहार से कम नहीं है।

उक्त जानकारी आज बुधवार को करन कॉर्बेट मोटल, एआरटीओ कार्यालय रोड शंकरपुर, रामनगर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के अधिकारियों तथा सहयोगी शाइनिंग स्टार संस्था के प्रबंधक डी. एस. नेगी द्वारा दी गई। इस प्रेस वार्ता में प्रोफेसर भरत गुप्त उपाध्यक्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय सोसाइटी, एनएसडी के सहायक प्रोफ़ेसर राम जी बाली और एनएसडी के अन्य प्रतिष्ठित सदस्य मौजूद थे।

इस वर्ष के भारंगम के लिए “वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम” को टैगलाइन बनाया गया है। यह रंगमंच के माध्यम से वैश्विक एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सद्भभाव को समृद्धि प्रदान करने के उद्देश्य का प्रतिरुप है। इस प्रदर्शन कला के माध्यम से विविध संस्कृतियों को एक साथ लाते हुए, एक साझा वैश्विक परिवार की भावना पैदा करने का उद्देश्य केंद्रित है।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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