लोगों के विरोध के खिलाफ केंद्र सरकार तानाशाही तरीके छोड़ें, प्रदर्शनकारियों को देश का दुश्मन न समझें।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता आनन्द नेगी व घटक संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के प्रति केंद्र सरकार की तानाशाही पूर्ण तरीके के खिलाफ अपना कड़ा असंतोष और गुस्सा व्यक्त किया है, जिसमें मोदी सरकार द्वारा पुनः एक बार पंजाब और दिल्ली की सीमाओं पर राजमार्गों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार और कंक्रीट बैरिकेड्स लगाकर लोगों के लोकतांत्रिक तरीके से किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को रोक रही है। प्रशासन दिल्ली और हरियाणा के आसपास धारा 144 लगा रहा है, और जनता को बिना किसी पूर्व सलाह के यातायात को डायवर्ट कर रहा है। प्रशासन लोगों को डराने के लिए आतंक का माहौल बना रहा है। मोदी सरकार प्रदर्शनकारियों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे कि वे देश के दुश्मन हों।
अखिल भारतीय किसान महासभा ने मध्य प्रदेश में भी, किसान सभा नेता राम नारायण कुरारिया, उनकी पत्नी और एदवा नेता एडवोकेट सहित एसकेएम के पांच राज्य नेता, अंजना कुरारिया, किसान संघर्ष समिति नेता एडवोकेट आराधना भार्गव, बीकेयू (टिकैत) नेता अनिल यादव, एनएपीएम नेता राजकुमार सिन्हा को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई किसान कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया की तीव्र आलोचना करते हुए अविलम्ब किसान नेताओं को रिहा करने की मांग किया है। यद्यपि एसकेएम ने पहले स्पष्ट किया है कि उसने 13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान नहीं किया है और एसकेएम का इस विरोध कार्रवाई से कोई लेना-देना नहीं है। हालाँकि, एसकेएम के अलावा अन्य संगठनों को भी विरोध करने का अधिकार है और यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अत्यधिक राज्य दमन का पालन करने के बजाय ऐसे विरोध प्रदर्शनों को लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करें।
अखिल भारतीय किसान महासभा घटक एसकेएम ने पीएम मोदी से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि उनकी सरकार लोगों की आजीविका की मांगों पर 16 फरवरी 2024 को देशव्यापी ग्रामीण बंद और औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल के आह्वान के संदर्भ में किसानों और श्रमिकों के मंच से चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है ?
अखिल भारतीय किसान महासभा ने कहा “लोगों की आजीविका की माँगों पर भारत भर में उभरते संघर्षों के संदर्भ में लोगों के विरोध को दबाने के प्रयास व्यर्थ होंगे”। अखिल भारतीय किसान महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को याद दिलाया कि भारत में एक संविधान है जो सभी नागरिकों के लिए विरोध करने का अधिकार सुनिश्चित करता है। अखिल भारतीय किसान महासभा सभी राजनीतिक दलों और सभी वर्गों के वर्ग एवं जन संगठनों से मोदी प्रशासन की इस मनमानी की निंदा करने की अपील करता है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों के दमन का जनता द्वारा प्रतिकार किया जाएगा। सभी वर्गों के समर्थन से किसान और श्रमिक यह सुनिश्चित करेंगे कि 16 फरवरी 2024 की औद्योगिक/सेक्टोरल हड़ताल और ग्रामीण बंद व्यापक, जीवंत और सफल हो।
रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण










