सोमनाथी मेला मासी में श्री भूमियाँ मंदिर में हुई कुमाऊंनी काव्य गोष्ठी।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। श्री भूमियाँ मंदिर समिति मासी में आयोजित सोमनाथी मेला कुमाऊंनी गोष्ठी का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष रामस्वरुप मासीवाल के नेतृत्व में व संयोजक जगदीश गेवड़िया की पहल पर कुमाऊंनी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता खीमानंद कबडवाल ने की। कुमाऊंनी कवि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अपनी भाषा व संस्कृति को बचाना तथा बच्चों में अपनी मातृभाषा कुमाऊंनी के प्रति अपनापन व लगाव बनाये रखना था।
कुमाऊंनी कवि सम्मेलन की शुरुआत कृपाल सिंह शीला ने पहाड़ से पलायन पर अपना काव्य पाठ शुरु किया। विदेशी फैसन पर बी. नेगी कृष्णा ने अपनी रचना से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं श्रीमती प्रभा बिष्ट ने भटौली पर व जंगल हमारे जीवनधार पर हरीश चंद्र जोशी ने अपना काव्य पाठ किया। गोपाल बाबू गोस्वामी के सपुत्र ने उन्हीं का लिखा गाना “जै मैय्या दुर्गा भवानी” गाकर दर्शकों को भक्ति भाव में सरोबोर कर दिया। देवेन्द्र कड़ाकोटी व ईश्वर कोहली की रचनाओं में भी पहाड़ से पलायन का दर्द खूब झलकाया। पहरु कुमाऊंनी पत्रिका के संपादक डॉ. हयात सिंह रावत ने कुमाऊंनी हमारी मातृभाषा है, इसके संरक्षण और संवर्धन पर अपनी बातें रखी। काव्य गोष्ठी का समापन की घोषणा मंदिर समिति के संयोजक जगदीश गेवड़िया द्वारा की गयी।