गीता भवन मानिला में बाल साहित्य व बाल संस्कार विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा मानिला मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट मानिला के संयुक्त तत्वावधान में गीता भवन मानिला में ‘बालसाहित्य और बाल संस्कार’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त परिवारों के विघटन से आज के युग में बच्चे दादा-दादी से मिलने वाले प्राकृतिक प्यार से वंचित हो रहे हैं। मोबाइल फोन के आज के दौर में जहां हम देश दुनिया से जुड़ रहे हैं, वहीं हम अपनों से दूर होते जा रहे हैं। घर में सब अपने-अपने मोबाइल से चिपके हैं, किसी को एक दूसरे के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं है।
वक्ताओं ने कहा कि हम जैसा कहते हैं, वैसा करते नहीं हैं। बच्चों को उपदेश देने से पहले साहित्यकार, शिक्षक व अभिभावक बतौर हम बड़े लोगों को स्वयं अपने आचरण को बदलना होगा। वक्ताओं ने कहा आज के दौर में बाल साहित्य बहुत लिखा जा रहा है, परंतु बच्चों तक बालसाहित्य पहुंच नहीं रहा है। वक्ताओं ने कहा कि बालसाहित्य बच्चों का मनोरंजन करने के साथ ही उन्हें सामाजिक सरोकारों तथा मानवीय मूल्यों से भी जोड़े, ऐसा बालसाहित्य लिखे जाने की जरुरत है। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. हरिसुमन बिष्ट ने की। संगोष्ठी को सिक्किम सरकार के पूर्व शिक्षा महानिदेशक प्रो. रुद्र पौड़ियाल, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अजमेर की वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. चेतना उपाध्याय, प्रो. गिरीश पंत, श्रीमती कुमुद वर्मा, डॉ. मदन सिंह रावत आदि ने संबोधित किया। रेखा लोढ़ा की अध्यक्षता में ‘बाल साहित्य और बच्चे’ विषय पर आयोजित सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णा कुमारी, बिरंची नारायण दास, ओमशरण आर्य, भास्करानंद डिमरी, चारु तिवारी, भैरवदत पांडेय, चंद्रशेखर गहत्याड़ी आदि ने अपने विचार रखें। उद्घाटन सत्र में बच्चों ने दीप प्रज्जवलित किया।

इस अवसर पर आयोजित बाल कवि सम्मेलन में भूमिका, पुष्कर नैनवाल, प्रिंसी, चारवी, हेमा, हर्षित, कुशाग्र, सोनू, सार्थक, प्रियांशु चौहान, माधुरी, सागर व कार्तिक आदि बच्चों ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। बाल कवि सम्मेलन का संचालन कक्षा 8 की छात्रा भूमिका भट्ट ने किया। उद्घाटन समारोह में बाल प्रहरी के जून अंक, ज्ञान विज्ञान बुलेटिन के बालसाहित्य विशेषांक, श्याम पलट पांडेय की पुस्तक ‘चूहा मोबाइल ले आया’, डॉ. सतीश चंद्र भगत की पुस्तक ‘उम्मीदों के फूल’, राम लखन प्रजापति की पुस्तक ‘बूझो तो जानें’, डॉ इंदु गुप्ता की पुस्तक ‘समझदार स्पंदन’, डॉ. रामदुलार सिंह पराया की पुस्तक ‘सारा गगन समूची धरती’, डॉ. चेतना की पुस्तक ‘लीना का गणित’, डॉ. हेमंत कुमार की पुस्तक ‘ईमानदार चोर’ तथा रमेशचंद्र दास की पुस्तक ‘कहानी संग्रह’ सहित 12 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।
सुशील सरित की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में रुखसाना बानो, डॉ. जगदीश पंत ‘कुमुद’, रफीक नागौरी, कुंज बिहारी लाल मौर्य, हेमंत कुमार, नवीन जोशी, पवन कुमार, डॉ. धाराबल्लभ पांडेय, जे. के. पैन्यूली, हरी लाल मिलन, रमेशचंद्र द्विवेदी, बडसीलिया, सतीश अल्लीपुरी, आदि ने बाल कविताओं का पाठ किया। समाचार लिखे जाने तक कवि सम्मेलन जारी है। कृपाल सिंह शीला, नीरज पंत ने विभिन्न सत्रों का संचालन किया। प्रारंभ में मानिला मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट मानिला के अध्यक्ष नंदन सिंह मनराल ने सभी का स्वागत करते हुए मानिला मंदिर में स्थापित पुस्तकालय के लिए पुस्तकें भेंट करने वाले सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। अंतिम सत्र में बालप्रहरी के संपादक एवं बालसाहित्य संस्थान अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने बालप्रहरी की विकास यात्रा प्रस्तुत करते हुए संगोष्ठी में सहभागिता के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर नवल पत्रिका हरिमोहन, पहरु संपादक डारें हयातसिंह रावत, बच्चों का नजरिया पत्रिका के संपादक राम लखन प्रजापति, डॉ. डी. एन. जोशी, डॉ. खेम करन सोमन, डॉ. राकेश चक्र, डॉ. अमित कुमार, महावीर रवांल्टा, अनिल सक्सेना, राजनारायण बोहरे, डॉ. गीता नौटियाल, हेमंत चौकियाल, डॉ. हरीश चंद्र अंडोला सहित लगभग 8 दर्जन साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया।