नगर का स्नान घाट पुनः बनाए जाने पर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। नगर पंचायत भिकियासैंण के रामगंगा नदी के किनारे बने स्नान घाट ध्वस्त हो जाने पर उसे पुन: बनाये जाने पर नगर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन जिलाधिकारी अल्मोड़ा के नाम उपजिलाधिकारी भिकियासैंण सीमा विश्वकर्मा को सौंपा। सभी सामाजिक वर्ग द्वारा उप जिलाधिकारी को कहा गया कि 31 जुलाई रात्रि भीषण रामगंगा नदी के तेज बहाव में गंगा घाट बह गया, जिसका पुनः निर्माण कार्य किया जाए।
इसके साथ ही कहा कि गंगा घाट की स्थिति का मुआयना करने और निर्माण कार्य से लेकर गंगा घाट बह जाने तक की पूरी जानकारी दी जाए। नगर पंचायत भिकियासैंण द्वारा लगभग 22 लाख की धनराशि से स्नान घाट का निर्माण आरईएस द्वारा कराया गया, जो अभी तक नगर पंचायत को सौंपा भी नहीं गया था। मानकों और गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाते हुए आधा अधूरा स्नान घाट गंगा मां की भेंट चढ़ गया। आज गंगा घाट की वीरान और उजड़ी हुई तस्वीर अपना हाल खुद ही बयां कर रही है, जिसमें मात्र 2 इंच का ऊपर से सीमेंट-बजरी का लेप लगाया गया है। लोहा नाम की कोई चीज नहीं है। सुरक्षा दिवार के नाम पर आरसीसी के प्लम ऐसे बनाए गए थे, इसकी जांच हो, जो गंगा नदी के बहाव में 20-30 फीट नीचे बह गए। इसकी जिम्मेदारी आरईएस व ठेकेदार की होगी और इसको दोबारा वास्तविक रुप देने के लिए बजट आपदा प्रबंधन से मुहैया किया जाए। इस मौके पर लक्ष्मी दत्त नैलवाल, किशन सिंह मेहता, कुबेर सिंह कड़ाकोटी, मोहन सिंह नेगी, देवगिरी, प्रेम बिष्ट, बालम गोस्वामी, उर्वादत्त सत्यवली आदि विभागीय लोग एई एस एन गुरुरानी व ईओ अनिरुद्ध गौड़ मौजूद थे।