इंस्पायर अवॉर्ड्स मानक – देश के स्कूली बच्चों को परिवेश की रोजमर्रा की समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान सुझाने संबंधी मौलिक विचार/नवप्रवर्तन आमंत्रित करने की अद्भुद योजना हुई शुरु।
खटीमा (उधम सिंह नगर)। भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय की विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में बच्चों के रचनात्मक विचारों और नवाचारों को बढ़ावा देने की यह योजना के तहत उत्तराखंड राज्य के समस्त विद्यालयों के कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों के रचनात्मक विचारों को व्यवहारिकता, सामाजिक उपयोगिता, पर्यावरण की अनुकूलता, नवीनता, और वर्तमान तकनीक से बेहतरी के आधार पर चुन कर पोर्टल पर नामांकन हेतु आमंत्रित करता है।
चयनित नवाचारों को उनके नवप्रवर्तन से जुड़े प्रोटोटाइप के निर्माण हेतु आर्थिक व तकनीकी सहायता भी दी जाती है। राज्य नोडल एजेंसी एससीईआरटी उत्तराखंड की निदेशक द्वारा इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के तहत इस वर्ष 15 सितंबर 2024 तक स्कूलों को वेबसाइट के ज़रिए प्रत्येक स्कूल से 5 सर्वश्रेष्ठ मौलिक विचारों/नवाचारों को अनिवार्य रुप से नामांकित किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस योजना के मैंटर तथा मार्गदर्शक निर्मल कुमार न्योलिया, राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय खटीमा द्वारा राज्य भर के विद्यालयों के प्रिंसिपलों को अधिक से अधिक नामांकन के लिए आइडिया बॉक्स का इस्तेमाल तथा आइडिया कॉन्टेस्ट के माध्यम से बच्चों से मौलिक विचार आमंत्रित करने की अपील की गई है। बच्चे अपना विचार लिखित रुप से आइडिया बॉक्स में जमा करें, जिसमें चयनित समस्या के समाधान हेतु कोई उपकरण या डिज़ाइन का सुझाव दिया गया हों। यह योजना रचनात्मक सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए साथ-साथ विज्ञान व तकनीकि के माध्यम से सामाजिक जरुरतों को पूरा करने की दिशा में एक सार्थक पहल है।
स्कूल यह जरुर ध्यान रखें कि नामांकन किए जाने वाले बच्चों के नाम किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में बैंक खाता होना जरुरी है। विचार चयन होने पर केंद्र सरकार प्रति छात्र मॉडल के निर्माण हेतु 10,000 रुपये बैंक खाते में देती है। बच्चे इस धनराशि का इस्तेमाल मॉडल बनाने में कर सकते हैं। इसके बाद बच्चों को जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रदर्शनी में प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। 1 जुलाई 2024 को पोर्टल खुलने के बाद से राज्य में अभी तक करीब 14000 बच्चों के नामांकन हो चुके हैं। जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से अंतिम तिथि 15 सितंबर तक जिलों में संचालित सभी सरकारी, अर्धसरकारी, मान्यता प्राप्त स्कूलों को खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से पत्र जारी किये गए हैं, जिसमें प्रिंसिपलों को प्रत्येक स्कूल से पांच बच्चों का नामांकन करने की अपील की गई है।