राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ में मनाया गया गढ़ भोज दिवस।

भवाली/रामगढ़। राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ में गढ़ भोज दिवस का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रोफेसर नगेंद्र द्विवेदी ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं से आवाह्न किया कि वह पाश्चात्य संस्कृति से ओत-प्रोत फास्ट फूड को छोड़कर पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ें और अपनी थाली में पौष्टिक भोजन की मात्रा को बढ़ाएं। फास्ट फूड शरीर के लिए हानिकारक है, इस बात को हमें समझना ही होगा। उन्होंने उत्तराखंड के पौष्टिक और विटामिनों से भरे हुए व्यंजनों को प्रमुखता से प्रचार-प्रसार करने की अपील छात्राओं से की।

गढ़ भोज कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर हरीश चन्द्र जोशी ने झुंगर, मंडुवा, गहद, भट्ट, नींबू, गलगल, कड़ी पत्ता, राम करेली आदि खाद्य पदार्थों का जिक्र कर छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि इन खाद्य पदार्थों में व्यापक मात्रा में पौष्टिकता होती है और हमें इनका प्रचार-प्रसार करना चाहिए न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इनका प्रचार-प्रसार करना चाहिए। मंडुवा जिसने रागी के रुप में आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा रखी है, हमारा दायित्व है कि हम मंडुवे की खेती को और बढ़ावा दें। झूंगर की खेती को बढ़ावा दें। अपने आने वाली पीढ़ी को उत्तराखंड के खाद्य पदार्थ और उनकी खेती के ओर उन्मुख करें। उत्तराखंड में कृषि उत्पादों में तमाम रोजगार के अवसर विद्यमान है। आवश्यकता है जुटने की, जुड़ने की सरकार इन समस्त खाद्य पदार्थों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों की कड़ी में विगत दो वर्षों से गढ़ भोज दिवस मनाया जा रहा है। साथ ही इन व्यंजनों को उत्तराखंड के समस्त मेलों में और मिड-डे-मील व्यवस्था और सरकारी कैंटिनों में अनिवार्य कर दिया है।

इस अवसर पर व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने कुमाऊंनी व्यंजन बनाकर प्रस्तुत किया, जिसमें चुड़कानी, रायता, आलू के गुटके, मंडुवे की रोटी, झूंगर की खीर, नींबू और कड़ी लहसुन का पिसा हुआ लूण, भंगिरे की चटनी आदि का प्रमुखता से प्रस्तुतीकरण किया गया। प्राचार्य सहित समस्त महाविद्यालय स्टाफ ने छात्र-छात्राओं की इस मुहिम को सराहा और मुक्त कंठ से प्रशंसा करी। इस अवसर पर डॉक्टर संध्या गढ़कोटी, डॉ. निर्मला रावत, श्रीमती नीमा पन्त ने छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड के व्यंजनों को प्रचार-प्रसार और अपनी थाली में उनका प्रयोग करने के लिए अपील करी। उन्होंने चिंता व्यक्त करी कि वर्तमान परिपेक्ष में उत्तराखंड के व्यंजन हमारी थाली में गुम होते जा रहे है, जो एक चिंता का विषय है। जबकि वास्तविकता यह है कि यह सभी व्यंजन पौष्टिकता से भरे हुए है हर प्रकार का प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल इन व्यंजनों में है, लेकिन हम इनको समझ नहीं पा रहे हैं और अपना सारा ध्यान चाऊमीन, मोमो, बर्गर, नूडल्स की ओर लगा रहे है जो गलत है। कार्यक्रम में रविंद्र प्रसाद, कुमारी दीप्ति, कुंदन गोस्वामी, गणेश बिष्ट, कमलेश डोभाल, प्रेम भारती सहित छात्र-छात्राओं में कु. पायल, चित्रा, नित्या, तनुजा सहित समस्त छात्राएं उपस्थित रही।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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