पारंपरिक उत्तराखंडी भोजन को प्रोत्साहित व संरक्षित करने की है आवश्यकता – हेमन्त कुमार बिनवाल।

लमगड़ा (अल्मोड़ा)। राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा में शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से गढ़ भोज दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम के संयोजक, शिक्षाशास्त्र विभाग प्रभारी असि.प्रो. श्री हेमन्त कुमार बिनवाल द्वारा अवगत कराया कि वर्तमान में पारम्परिक उत्तराखंडी भोजन को प्रोत्साहित एवं संरक्षित करने हेतु परम्परागत फसलों एवं भोजन के उत्सव को गढ़ भोज दिवस के रुप में मनाया जा रहा है। औषधीय गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने तथा निरोगी काया एवं स्वस्थ समाज की कल्पना को साकार करने हेतु यह दिवस मनाया जाता है।

हमारी इस अद्वितीय प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण हेतु चिंतन करने का अवसर है, जिसमें मंडुवा, झंगोरा, चौलाई, आदि पारंपरिक भोजन को वर्तमान में दैनिक भोजन में शामिल करना चाहिए। यह भोजन पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, पहले तो इन भोजन को सिर्फ गरीब वर्ग ही धनाभाव के कारण ग्रहण करता था, लेकिन वर्तमान में अमीर वर्ग इस भोजन की ओर आकर्षित हो रहा है। क्योंकि ये भोजन अनेक बीमारियों को दूर करता है।

इस अवसर पर गोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. साधना पन्त ने कहा कि हमें अपने पारपरिक भोजन को वर्तमान में अपनाने की जरुरत है। इन भोजन में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के बारे में भी अवगत कराया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक वर्ग, कर्मचारी वर्ग, बी.ए. प्रथम, तृतीय पंचम सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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