राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार मानिला में “संविधान दिवस” का उत्साहपूर्वक हुआ आयोजन।

भिकियासैंण। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार मानिला में प्रभारी प्राचार्य डॉ. शैफाली सक्सेना की अध्यक्षता में एनएसएस इकाई के तत्वावधान में संविधान दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एनएसएस लक्ष्य गीत गायन कर किया गया। सर्वप्रथम महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं स्वयंसेवियों द्वारा “संविधान की प्रस्तावना” का सामूहिक वाचन कर संविधान में निहित बातों के प्रति जन-जन को परिचित कराने की शपथ ली गई।

संविधान दिवस के इस अवसर पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. रेखा रही। सर्वप्रथम डॉ. रेखा ने अपने वक्तव्य में “भारतीय संविधान : एक परिचय” विषय पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा संविधान कर्तव्यों के साथ-साथ मौलिक अधिकारों, मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिक जिम्मेदारियों को भी परिभाषित करता है। यह नागरिकों में उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों में जागरुकता बढ़ाता है। स्वयंसेवियों व अन्य समस्त छात्र-छात्राओं को नागरिक के रुप में अपने अधिकारों और कर्तव्यों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इसी क्रम में डॉ. संजय कुमार सहायक प्राध्यापक जंतु विज्ञान विभाग ने संविधान के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए संविधान निर्माता के रुप में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होने स्वयंसेवियों को लोकतंत्र, न्याय, समानता और स्वतंत्रता के मूल्यों पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. कवींद्र भट्ट अंग्रेजी विभाग ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान भारतीय नागरिकों के लिए सर्वोच्च दस्तावेज है। संविधान को तैयार करने और प्रशासनिक ढांचे की स्थापना में सरदार बल्लभ भाई पटेल की भूमिका पर भी विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गार्गी लोहनी ने स्वयंसेवियों को संविधान के महत्व से परिचित कराते हुए बताया कि “संविधान भारतीयों के गौरव तथा भारत की एकता” जैसे मूल मंत्रों को साकार करता है। अब हमारा कर्तव्य है कि हम इसमें निहित शक्ति और मूल्यों से जन-जन को परिचित कराएं। प्रभारी प्राचार्य डॉ. शैफाली सक्सेना ने सर्वप्रथम संविधान दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। तत्पश्चात संविधान निर्माता के रुप में डॉ. भीमराव अंबेडकर के महान योगदान को स्मरण करते हुए बताया कि “संविधान दिवस” मनाने का उद्देश्य भारत के नागरिकों को संविधान की मूल बातों व इसके महत्व के संबंध में जागरुक करना तथा संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देना है। भारत के प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों का बोध होना चाहिए, और छात्रों का कर्तव्य है कि आप इन अधिकारों व कर्तव्यों से जन-जन को अवगत कराएं।

तत्पश्चात इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं, निबंध, पोस्टर व भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसके माध्यम से स्वयंसेवियों ने भारतीय संविधान व उसकी प्रस्तावना को अभिव्यक्त किया। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान स्वयंसेवी छात्रा मेघना, द्वितीय स्थान दीक्षा बंगारी एवं तृतीय स्थान कोमल भाकुनी ने प्राप्त किया।निबंध प्रतियोगिता में डॉ. कवींद्र भट्ट अंग्रेजी विभाग व डॉ. उदय शर्मा गणित विभाग ने निर्णायक की भूमिका का निर्वहन किया। पोस्टर प्रतियोगिता में भूपेंद्र कुमार ने प्रथम, हंसी ने द्वितीय व तृतीय स्थान संयुक्त रुप से रितिका व अंजली ने प्राप्त किया। कोमल भाकुनी को सांत्वना स्थान प्राप्त हुआ। पोस्टर प्रतियोगिता में डॉ. भावना अग्रवाल हिंदी विभाग व डॉ. खुशबू आर्या समाजशास्त्र विभाग ने निर्णायक मंडल की भूमिका का निर्वहन किया।

इसी क्रम में भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान दीपक व द्वितीय स्थान रितिका ने प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका का निर्वहन डॉ. खीला कोरंगा इतिहास विभाग व डॉ. जितेंद्र प्रसाद भूगोल विभाग ने किया। आयुष सती द्वारा कुमाऊंनी लोकगीत की अभिव्यक्ति की गई। मंच संचालन छात्रा आशा उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में डॉ. संजय कुमार, डॉ. खीला कोरंगा, डॉ. जितेंद्र प्रसाद, डॉ. भावना अग्रवाल, डॉ. रेखा, डॉ. उदय शर्मा, डॉ. खुशबू आर्या, डॉ. कवींद्र भट्ट, डॉ. रविंद्र मिश्र, डॉ. आशीष उपाध्याय, एनएसएस सहयोगी के रुप में अनुसेविका देवकी देवी, समस्त स्वयंसेवी छात्र-छात्राएं व अध्ययनरत अन्य समस्त छात्र-छात्राएं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी वर्ग मौजूद रहे।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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