भिकियासैंण की मेन रोड में गड्ढें भरने के नाम से हो रही है मात्र खानापूर्ति।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। क्षेत्र की सड़कों में भरे जा रहे गड्ढों को भरने के नाम पर की जा रही खानापूर्ति को लेकर स्थानीय निवासियों में आक्रोस व्याप्त हो रहा है। लम्बे समय से गड्ढों की धूल मिट्टी और गन्दे पानी के छींटों से परेशानी आए दिन हो रही है और कई बार दुर्घटनाओं का शिकार हुए लोगों का कहना है कि सड़कों के गड्ढे भरने के नाम पर जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, क्योंकि ये गड्ढों में भरा कोरी रोड़ी बजरी मुश्किल से दस पंद्रह दिन टिकता है, और फिर पहले से भी ज्यादा बड़े गड्ढे हो जाते है और इस समय भी कुछ ही गड्ढे भरे जा रहे है, बाकी गड्ढे छोड़ दिए जा रहे है, जिससे जल्दी ही छोड़े हुए गड्ढे बड़े हो जाते है और समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। ऐसा अभी दस हुए सिनार भिकियासैंण की रोड़ में देखने को मिल रहा है, उस रोड़ में अभी भी जाकर देखा जा सकता है कि छोड़े हुए गड्ढों की संख्या भरे हुए गड्ढों से ज्यादा है।
ज्ञात हुआ है कि भिकियासैंण तहसील गेट से बाड़ीकोट नए पुल तक केवल 900 स्क्वायर मीटर गड्ढे भरे जाने है, जबकि दो हजार स्क्वायर मीटर की आवश्यकता है, इसलिए बीच-बीच में गड्ढे छोड़े जा रहे है। न ही सरकार इस ओर ध्यान दे रही है और न ही स्थानीय अधिकारी, कर्मचारी, यहाँ तक कि विभाग का कोई जिम्मेदार अधिकारी भी वहां पर कार्य देखने के लिए नहीं है। ठेकेदार का कोई आदमी नहीं होता है, सिर्फ राम भरोसे पैच भरने का काम चल रहा है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता शंकर फुलारा, बालम नाथ, प्रयाग दत्त शर्मा, आनन्द पधान, ख्याली दत्त शर्मा आदि का कहना है कि अगर बजट कम है, तो उतनी ही सड़क के गड्ढे भरो, जितना बजट है। कम से कम पूरे तो भरो। इस प्रकार से जनता को ठगना बंद करो।