कोटद्वार में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम।
कोटद्वार। भारत के संविधान निर्माता, भारत रत्न, बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर शैलशिल्पी विकास संगठन द्वारा वार्ड नंबर 22 सिम्मलचौड़ स्थित कर्मवीर जयानंद भारतीय स्मृति पुस्तकालय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभा को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने कहा कि आज ही के दिन सन 1956 में बाबा साहब ने अंतिम साँस ली और वे इस दुनिया को छोड़कर चले गए, लेकिन उन्होंने देश को भारतीय संविधान के रुप में एक अमिट एवं महान संविधान दिया है, जब तक भारत का संविधान रहेगा तब तक बाबा साहब भारत के संविधान के रुप में जीवित रहेंगे।
यह हम देशवासियों का परम कर्तव्य है कि हम देश के संविधान के मूल सिद्धांत न्याय, समता, स्वतंत्रता, बंधुता को कायम रखते हुए बाबा साहब के सपनों के भारत का निर्माण करें, जहां देश के प्रत्येक नागरिक को न्याय मिलें, सभी को समानता, स्वतंत्रता मिलें और देश में भाईचारे का वातावरण स्थापित हों, देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह सांप्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, लिंगवाद, भाषावाद के आधार पर देश को बाँटने वाली ताकतों को समाज में स्थापित न होने दें, यहीं बाबा साहब के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शिक्षक नेता जगदीश राठी ने कहा कि समाज को शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए। अनुसूचित जाति, जनजाति शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारत भूषण शाह ने कहा कि बाबा साहब के मिशन को पूर्ण करने में समाज को प्रेरित किया जाना चाहिए। प्रधानाध्यापक सुरेंद्र शमशेर जंग ने कहा संविधान के मूल्यों की रक्षा करना ही बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रधानाचार्य मनवर लाल भारती ने कहा कि स्कूली बच्चों को बाबा साहब के जीवन संघर्षों से अवगत कराना शिक्षक समाज की मुख्य जिम्मेदारी होनी चाहिए। इस अवसर पर जयदेव सिंह, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश कोटला, आशुतोष टम्टा, जोनी मसी, सुनील कुमार, सुदीप आर्य, दिलबर शाह, विनोद कुमार, शिवकुमार, धर्मेंद्र सिंह, सोमपाल सिंह, प्रमोद चौधरी, नरेंद्र कनपुड़ीया, डॉक्टर अंबिका ध्यानी, हर्ष कुमार आदि काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण