सात दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव के समापन पर बच्चों ने पेश की विविध भारतीय संस्कृतियों की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ।

भिकियासैंण। विकासखंड के आदर्श प्राथमिक विद्यालय बासोट भिकियासैंण में दि. 4 दिसंबर से 11 दिसंबर तक आयोजित होने वाले सात दिवसीय भाषा उत्सव के सप्तम दिवस पर बच्चों ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वागत गीत के साथ बच्चों ने अतिथियों का स्वागत किया। भारत देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ समापन अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों का मन मोह लिया।

आज के दिवस पर निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारत के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा के साथ ही राज्यों की संस्कृति, भाषा व परंपरा से परिचित कराती विविध गतिविधियों गीत, नृत्य व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ बच्चों ने सुंदर प्रस्तुतियाँ दी। वहीं एक दूसरे राज्य की संस्कृति, भाषा से भी सभी को रुबरु कराया। समापन अवसर पर विद्यालय में आमंत्रित मुख्य अतिथि विद्यालय के संरक्षक व शिक्षाविद् नन्दकिशोर उप्रेती व रामदत्त उप्रेती द्वारा विद्यालय के बच्चों की विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को सराहने के साथ इस प्रकार के आयोजनों की बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आगे भी आयोजित करने की बात कही। बच्चों द्वारा पंजाबी, तेलुगू, राजस्थानी, भोजपुरी, कुमाऊंनी, गढ़वाली गीतों/लोकगीतों पर अपनी सुंदर गायन, नृत्य प्रस्तुतियाँ दी।

कुमाऊंनी भाषा में विगत 4 दिसंबर 2024 से आयोजित सात दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव के प्रथम दिवस पर बच्चों ने भाषा वृक्ष बनाकर, उसकी पत्तियों पर विभिन्न भारतीय भाषाओं के शब्दों और वाक्यों को लिखकर भारतीय भाषाओं के शब्दों व वाक्यों को जाना व प्रकृति और पर्यावरण पर कविता पाठ किया। द्वितीय दिवस पर बच्चों द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष का मानचित्र बनाकर उस पर प्रत्येक प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा को मानचित्र में चिन्हित किया। तृतीय दिवस पर तमिल के महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के जीवन से संबंधित कहानियों व प्रेरक प्रसंगों को बच्चों ने एल.सी.डी. पर वीडियो देखकर उनकी जीवनी के बारे में जाना। चतुर्थ दिवस पर बच्चों ने कहानी में आए शब्दों के भित्तिचित्र बनाएं। पंचम दिवस पर बच्चों को आमंत्रित अतिथियों द्वारा हिंदी व कुमाऊंनी भाषा में लोककथा सुनाने के साथ ज्ञानपरक बातें बच्चों को बताई। षष्ठम दिवस पर एक से अधिक भाषा बोलने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के साथ स्थानीय भाषा विशेषज्ञों की सहायता से कार्यशाला आयोजित की गई। समापन अवसर पर शिक्षक सुरेश कुमार, तारा सिंह, पूजा देवी, सविता देवी, रीना देवी, शान्ती देवी, अभिनव, सचिन, यासिका, दिव्या, हिमानी, अंजली, रेनू, पूनम, हिमांशी, दीपा आदि अभिभावकों व विद्यालय के पूर्व छात्रों की सक्रिय उपस्थिति रही।

सात दिवसीय कार्यक्रम के पूर्व दिवसों में विद्यालय के प्रधानाध्यापक डी. एस. गिरी कार्यक्रम संयोजक कृपाल सिंह शीला, विद्यालय के शिक्षक बलवीर सिंह, सामुदायिक शिक्षिका गीता उप्रेती, आँगनबाड़ी कार्यकत्री देवन्ती देवी, सन्तोषी देवी, भोजनमाता पुष्पा देवी, ज्योति उप्रेती, जानवी डंगवाल, विवेक ओलिया, दीपक देशवाल, प्रिन्स नेगी, सौम्या, नितिन, भगीरथ प्रकाश, कार्तिक नेगी, हर्षिता भंड़ारी, अभिभावक दिनेश चन्द्र का कार्यक्रम के सफल संचालन समापन में सराहनीय सहयोग मिला। सात दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक कृपाल सिंह शीला द्वारा सभी अतिथियों, गुरुजनों, सहयोगियों, अभिभावकों व बच्चों का आभार व्यक्त किया गया।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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