छड़ कठपुतली नाटक “बाँजा न काट लछिमा” के प्रदर्शन के संदेश के साथ हुआ सात दिवसीय प्रशिक्षण का समापन।
भिकियासैंण। ब्लॉक संसाधन केन्द्र भिकियासैंण में आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सात दिवसीय बालवाटिका प्रशिक्षण का समापन हो गया है। सपोर्ट टू प्री प्राइमरी को लोकेटेड प्रशिक्षण के समापन दिवस पर आँगनबाड़ी सुपरवाइजर भिकियासैंण व एमटी कविता बिष्ट व सन्दर्भदाता प्रशिक्षण कृपाल सिंह शीला द्वारा प्रात: प्रार्थना निपुण गीत व राष्ट्रगान के साथ सात दिवस के प्रशिक्षण की शुरुआत की गई। षष्ठम दिवस की आख्या पढ़ने के उपरान्त शिक्षण में कठपुतली की भूमिका पर बातचीत की गई। दास्ताना व छड़ कठपुतली का निर्माण किया गया।
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इसके उपरांत प्रशिक्षणार्थियों द्वारा विभिन्न आयामों के तहत बच्चों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की चैक लिस्ट भरने के साथ पश्चपोषण प्रपत्र व प्रशिक्षण की गुणवत्ता व सुझाव संबंधित फीडबैक भरा गया। प्रशिक्षण के समापन सत्र में खंड शिक्षा अधिकारी भिकियासैंण डॉ. रवि मेहता, ब्लॉक समन्वयक टीका सिंह डंगवाल, आनंद सिंह नेगी व कैलाश चन्द्र द्वारा ज्ञान की देवी सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन के साथ समापन सत्र का शुभारंभ किया गया। सभी अतिथियों का बैज व पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। तत्पश्चात खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सातों दिवसों में की गई गतिविधियों का समूह वार अवलोकन किया गया। सभी के सफल प्रयासों व विविध शिक्षण सहायक सामग्री निर्माण के लिए सभी की सराहना की गई।
प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए सभी से भारत के भाग्य विधाता उन नौनिहाल बच्चों को एक कुम्हार की तरह तराश कर उन नौनिहाल बच्चों का जीवन सफल बनाने के लिए मार्गदर्शक की भूमिका में रहने को कहा गया। खेल खिलौने अधिगम सामग्री का निर्माण, अनुपयोगी व निष्प्रयोजन वस्तुओं से खेल खिलौना निर्माण के तहत कठपुतली निर्माण व खाद्य पदार्थों के रैपर्सों के माध्यम से “सीखना कुछ एसे भी” शीर्षक के तहत शिक्षण सहायक सामग्री टीएलएम का निर्माण किया गया, जिसे एक हैंगिंग व फोल्डिंग बोर्ड के माध्यम से इन रैपरो में लिखे हिंदी व अंग्रेजी के शब्दों के साथ रंगों का ज्ञान दिए जाने हेतु हैंगिंग, फोल्डिंग बोर्ड का निर्माण किया गया।
इसके साथ ही आँगनबाड़ी केन्द्र भिकियासैंण की एक बाल पत्रिका “चुलबुली” का विमोचन खंड शिक्षा अधिकारी, आँगनबाड़ी सुपरवाइजर, एमटी कविता बिष्ट व प्रशिक्षणार्थियों द्वारा किया गया। सन्दर्भदाता कृपाल सिंह द्वारा इस प्रकार के नवाचार पूर्व से ही किए जाते रहे हैं। इस हैगिंग व फोल्डिंग बाल पत्रिका “चुलबुली” में बाल प्रार्थना, बालगीत, क्रीड़ा गीत, शिशु गीत, लोरी, आ्ण, आशीर्वचन, भावगीत, गिनती व स्वरों के ज्ञान संबंधित गीतों को सम्मिलित किया गया है। आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सात दिवसीय ‘बालवाटिका प्रशिक्षण’ खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. रवि मेहता के कुशल मार्गनिर्देशन में सम्पन्न हुआ। ब्लाक समन्वयक टीका सिंह डंगवाल, आनंद सिंह नेगी, कार्यालय सहायक कैलाश चन्द्र व बालम सिंह रावत द्वारा प्रशिक्षण को सफल बनाने में सहयोग दिया गया।
वहीं आँगनबाड़ी प्रशिक्षणार्थियों से दो-तरफा संवाद करते हुए बीच-बीच में विभिन्न बालगीत व भावगीत का अभ्यास भी कराया गया। इस प्रशिक्षण में पूरे विकासखंड से 30 आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। प्रशिक्षण में भावना उप्रेती, पूजा बिष्ट, पुष्पा देवी, कविता बिष्ट, ललिता डंगवाल, चम्पा तिवारी, चम्पा चौधरी, नीमा देवी, हेमा देवी, सुनीता देवी, गीता पपनै, कलावती देवी, तनुजा देवी, चम्पा देवी, तुलसी देवी, पुष्पा देवी, रेखा पाण्डे, पार्वती देवी, प्रेमलता पाण्डेय, कविता बिष्ट, सुनीता, धना देवी, पार्वती देवी, तुलसी नेगी, गीता पपनै, माया देवी, गीता देवी, जानकी देवी द्वारा सक्रिय प्रतिभाग किया गया।