देघाट में चैत्र अष्टमी मेले का भव्य आयोजन, देवी भागवत कथा से गुंजा मंदिर परिसर।

भिकियासैंण/स्याल्दे। विकासखंड स्याल्दे क्षेत्र का देघाट माँ देवी मंदिर में लगने वाला ऐतिहासिक चैत्रा अष्टमी मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर मन्दिर में सुख-समृद्धि हेतु कामना की। सुबह से मन्दिर में क्षेत्रीय लोगों का ताता लगा रहा। श्रद्धालुओं द्वारा पहले मन्दिर को फूलों से सजाया गया, उसके बाद शाम तक मन्दिर में यज्ञ, हवन, पूजा-पाठ चलते रहे। दूर-दराज से श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं द्वारा 100 से अधिक बकरों व भैंसो को माँ के दरबार में चढ़ाया गया।
भगत राम कोलीखेत, लक्ष्मण सिंह रावत तल्ला कन्होनी, मोहन सिह बंगारी पिलखी, धन सिंह रावत खाल्यो, ध्यान सिंह रजवार पयलगांव, मदन सिंह पटवाल कुमालेश्वर, गोपाल दत्त पाण्डे जाभर द्वारा 8 से अधिक भैंसा, घंटियां, छत्र, कलश, मूर्तियां आदि माता रानी के दरबार में चढ़ाए गए।
मेले का मुख्य आकर्षण गंगा आरती, झूले, झांकियां, दुकानें आदि रही। तत्पश्चात मंदिर में कथा व्यास राजेन्द्रा नन्द महाराज द्वारा देवी भागवत कथा के माध्यम से माँ के नौ रुपों का संजीव वर्णन किया गया, जिससे मंदिर का माहौल माता रानी के जयकारे से गुंजा। मेले व कथा श्रवण हेतु क्षेत्र के विभिन्न श्रद्धालुओं द्वारा बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया गया। सुरक्षा व्यवस्था में थाना अध्यक्ष देघाट दिनेश नाथ महंत व तहसीलदार दिवान गिरी गोस्वामी के नेतृत्व में कार्यक्रम शान्ति पूर्ण व्यवस्थित रहा।
इस कार्यक्रम को सहयोग करने मे महेन्द्र बंगारी, अशोक तिवारी, वीरेन्द्र मैठानी, प्रकाश पपनोई, नारायण सिंह बंगारी, आत्माराम भिरकनी, रामानन्द अग्रवाल, पूरन रजवार, प्रकाश आर्य, अशोक अग्रवाल, प्रकाश लखेड़ा, डाबर सिंह मैठानी, हरीश तिवारी आदि मौजूद रहे। अंत में मंदिर समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र रावत ने मेले को सफल बनाने हेतु सभी भक्त प्रेमियों का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण




