राजकीय प्राथमिक विद्यालय बासोट में मातृभाषा की कक्षा हुई शुरु।

भिकियासैंण। अपनी मातृभाषा, दुदबोलि कुमाऊँनी, गढ़वाली के संरक्षण व संवर्द्धन के उद्देश्य से आज 18 अप्रैल से कुमाऊँनी, गढ़वाली कक्षा का शुभारंभ राजकीय प्राथमिक विद्यालय बासोट में किया गया। आज से कक्षा में विभिन्न विद्यालयों के 25 बच्चों ने प्रतिभाग किया। अतिथि रामदत्त उप्रेती का स्वागत जानवी डंगवाल ने पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा ज्ञान की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

इसके उपरांत बच्चों द्वारा कुमाऊँनी वंदना “देणी है जाएं, माँ सरस्वती” व कुमाऊँनी स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संयोजक मातृभाषा कक्षा कृपाल सिंह शीला द्वारा इस मातृभाषा कक्षा की उपयोगिता, उद्देश्य के संबंध में विस्तार से जानकारी देने के साथ इन कक्षाओं को संचालित किए जाने की तिथियों के संबंध में बच्चों को विस्तार से जानकारी दी गई।

इसके उपरांत परिचय सत्र में सभी बच्चों व मंचस्थ अतिथियों द्वारा अपना परिचय कुमाऊँनी भाषा में रखा गया। कुछ बच्चों से इन कक्षाओं के संचालन के संबंध में उनके विचार कुमाऊँनी में लिए गए। वहीं कुछ बच्चों द्वारा कुमाऊँनी में लोकगीत भी प्रस्तुत किए गए। सभी बच्चे सक्रिय रहे व सभी को अपनी अभिव्यक्ति का अवसर मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी से एक लोकगीत लिखकर लाने व उसे दूसरे दिन की कक्षा में लय के साथ सुनाने का गृहकार्य दिया गया।

इन कक्षाओं के संचालन में उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच-दिल्ली के संरक्षक विनोद बछेती, संयोजक दिनेश ध्यानी, गिरीश चन्द्र बिष्ट ‘हँसमुख’, डॉ. हयात रावत (पूर्व संपादक ‘पहरु), मोहन चन्द्र जोशी (गरुड़, बागेश्वर), दयाल नेगी, पूरन चन्द्र काण्डपाल, रमेश हितैषी, रेखा चौहान, देवन्ती देवी, तुलसी भट्ट, जगमोहन सिंह रावत, आनंद अधिकारी, रमेश हितैषी, आनंद सिंह कड़ाकोटी, हरीश बिष्ट, आनंद सिंह बिष्ट, डॉ. हरीश अंडोला, रामदत्त उप्रेती, हेमन्त कुमार, त्रिभुवन जलाल, ठाकुरपाल सिंह, गिरीश चन्द्र मठपाल, प्रभा बिष्ट आदि द्वारा सहयोग दिया जा रहा है। मातृभाषा कक्षा संयोजक कृपाल सिंह शीला द्वारा सभी बच्चों व सभी सहयोगियों का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया गया।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

Loading

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!