रानीखेत पीजी कॉलेज में 9 अप्रैल को नोबेल विजेता प्रो. मोर्टन मेडाल का विशेष ऑनलाइन व्याख्यान।

रानीखेत (अल्मोड़ा)। भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय पहल के रुप में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत द्वारा दिनांक 9 अप्रैल 2025 को एक प्रतिष्ठित ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोर्टन पी. मेडाल एक विशेष व्याख्यान देंगे। यह व्याख्यान “Chemistry is Everything, as Seen Through the Nobel Molecular Adventure of Click Chemistry” विषय पर आधारित होगा।

इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह है कि यह व्याख्यान छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षकों को वैश्विक वैज्ञानिक सोच से जोड़ने तथा अनुसंधान प्रेरित अधिगम को बढ़ावा देने का एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा। इस पहल के पीछे प्रेरक शक्ति रहे है महाविद्यालय के विज्ञान लोकप्रियीकरण समिति के समन्वयक डॉ. भारत पांडेय, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य का पहला वर्चुअल रसायन विज्ञान प्रयोगशाला प्रारंभ करने के साथ-साथ नोबेल व्याख्यानों की श्रृंखला शुरु करके वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान को एक नई दिशा दी है।

डॉ. पांडेय का मानना है कि “विज्ञान केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि यह विचारोत्तेजक व्याख्यानों, रचनात्मक पहलों और नवाचारों के माध्यम से छात्रों तक पहुँचे। नोबेल विजेताओं के साथ सीधा संवाद, आभासी प्रयोगशालाएं और अनुसंधान उन्मुख कार्यक्रम छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा और रचनात्मकता को जन्म देते हैं।”

यह व्याख्यान भक्ति वेदांत इंस्टिट्यूट, कोलकाता के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जो एक ज्ञान भागीदार के रुप में इस कार्यक्रम से जुड़ा है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडेय ने कहा कि “वैश्विक वैज्ञानिकों से सीधा संवाद छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।” इस आयोजन से छात्रों को उच्च स्तरीय वैज्ञानिक दृष्टिकोण, आधुनिक अनुसंधान पद्धतियों और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय की कार्यशैली को समझने का अवसर मिलेगा।

इस व्याख्यान श्रृंखला के साथ-साथ डॉ. पांडेय ने हाइड्रोपोनिक्स और अन्य नवाचारों पर भी ऑनलाइन कार्यशालाओं का संचालन कर छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस किया है। इस प्रकार के व्याख्यान न केवल छात्रों में अनुसंधान प्रेरित सोच को बढ़ावा देते हैं, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। नोबेल व्याख्यान जैसी पहलें भारत में विज्ञान शिक्षा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की दिशा में एक दृढ़ कदम हैं। ऐसी प्रेरणादायी गतिविधियाँ छात्रों को वैश्विक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य से जोड़कर उन्हें अनुसंधान, नवाचार और जिज्ञासा से परिपूर्ण वैज्ञानिक नागरिक बनने हेतु प्रेरित करती हैं।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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