उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक।

आरक्षण रोटेशन में अनियमितता को लेकर सरकार से मांगा जवाब, प्रत्याशियों को लगा बड़ा झटका।

नैनीताल। उत्तराखण्ड पंचायत चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। ऐसे में चुनाव की तैयारियों में जुटे संभावित प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। बता दें कि अभी हाल ही में सरकार ने चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना तक की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी है। नैनीताल हाईकोर्ट ने रिजर्वेशन पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से रोक लगाई है।

बता दें कि हाईकोर्ट ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हेतु निर्धारित किए गए आरक्षण के रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने आरक्षण को नियमों के तहत तय नहीं पाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। बीते शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति से अवगत कराने को कहा था, परन्तु राज्य सरकार आज स्थिति से अवगत कराने में असफल रही है। कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने चुनाव की तिथि निकाल दी, जबकि मामला कोर्ट में चल रहा है जिस पर कोर्ट ने पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।

मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव हेतु नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव हेतु लागू आरक्षण रोटशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है, जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा-निर्देश दिए हैं।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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