हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के 19 सितम्बर 2019 को भेजे निर्देश पर लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला?

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिन मतदाताओं व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के नाम दो जगह नगर निकाय और ग्राम पंचायत की मतदाता सूचियों में हैं, उन्हें मतदान करने व चुनाव लड़ने की अनुमति देने पर चुनाव आयोग द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारियों को 19 सितम्बर 2019 को भेजे निर्देश (स्पष्टीकरण) पर रोक लगा दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया सम्पन्न होने पर वर्तमान चुनाव में हस्तक्षेप नहीं किया है।

बता दें कि समाजसेवी शक्ति सिंह बर्त्वाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है, कि पंचायती राज अधिनियम की धारा 9(6) और 9(7) के अनुसार कोई व्यक्ति जिसका नाम 2 जगह मतदाता सूची में अंकित है, वह न ही चुनाव लड़ सकता है, और न ही वोट डाल सकता है। जबकि पंचायत चुनाव लड़ रहे कुछ प्रत्याशियों व कई मतदाताओं के नाम दो जगह नगर निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत की मतदाता सूची में दर्ज हैं। याचिका में कहा गया है कि देश में किसी भी राज्य में मतदाता सूची में दो अलग-अलग मतदाता सूची में नाम होना आपराधिक श्रेणी में आता है। ऐसे में उत्तराखंड राज्य में निर्वाचन आयोग द्वारा किस आधार पर ऐसे लोगों के निर्वाचन को स्वीकृति प्रदान की जा रही है। शिकायतकर्ता शक्ति सिंह बर्त्वाल द्वारा उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 7 जुलाई एवं 8 जुलाई को पत्र प्रेषित किया गया था, जिसके माध्यम से उत्तराखंड में गतिमान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नगर निकाय चुनाव की मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं को मतदान एवं नामांकन से रोके जाने के विषय में स्पष्ट दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया था।

रिपोर्टर- रिया सोलीवाल

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