उत्तराखंड में प्राईवेट स्कूलों की मनमर्जी फीस से अभिभावक हैं परेशान, सीएम थामी ने संज्ञान लेकर शुरु की कसनी नकेल।

भिकियासैण /उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी फीस को लेकर अब धामी सरकार ने नकेल कसनी शुरू कर दी है, लगातार अभिभावकों की शिकायत थी कि स्कूल प्रबन्धन मनमानी कर मनमर्जी की फीस ले रहे हैं। अब इस पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लेते हुए हाल ही में उत्तराखंड के 256 निजी स्कूलों में छापे मारे गए। दरअस्ल प्रदेश के निजी स्कूलों में एनसीईआरटी के बजाए निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें लगाने की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को प्रदेशभर के 256 निजी स्कूलों में छापे मारे। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि क़ई निजी स्कूलों में सरकारी पाठ्यक्रम की पुस्तकें नहीं लगी हैं। इसी के साथ वे स्कूल अपने मनमर्जी की फीस भी हड़प रहे हैं। नैनीताल के 21 और हरिद्वार के एक स्कूल को नोटिस दिया गया है। मनमानी करने वाले स्कूलों की एनओसी रद्द की जाएगी। छापे के दौरान हरिद्वार में एक ऐसा भी मामला सामने आया जिसमें छात्र-छात्राओं को 3400 रुपये में समस्त विषयों की डिजिटल पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही थीं । शिक्षा महानिदेशक ने कहा नैनीताल में 49, रुद्रप्रयाग में 10, बागेश्वरव में नौ, देहरादून में 21, चमोली में 77 , हरिद्वार में 37, अल्मोड़ा में 31, टिहरी में 11 और उत्तरकाशी में 11 स्कूलों में छापे मारे गए। अभिभावकों पर महंगी किताबों के लिए दबाव बनाने की जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायत सही मिली है, उन्हें भी नोटिस देकर कार्रवाई की जा रही है। अभी वर्तमान में कई स्कूल ऐसे मनमानी में फीस ले रहे हैं, जिनका जिक्र मालूम नहीं है। उत्तराखंड के हर ब्लाको के निजी स्कूलो की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए, तभी दुध का दूध किसी हद तक हो सकेगा।

रिपोर्टर- एस. आर. चंद्रा भिकियासैंण

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