न्यास के ज्ञानोत्सव 2023 का हुआ भव्य आयोजन।

भिकियासैण (अल्मोड़ा) /देहरादून। सरस्वती विद्या मन्दिर देहरादून में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तराखंड प्रांत का ज्ञानोत्स्व 2023 का सफल समापन हुआ, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में न्यास के क्षेत्रीय समन्यवक आदरणीय जगराम उपस्थित रहे। ज्ञानोत्सव दो सत्रों में चला, जिसके प्रथम सत्र में कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर संदीप विजय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया,साथ ही न्यास के प्रांत अध्यक्ष प्रो नीरज तिवारी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो के सामने कार्यक्रम की रूप रेखा को रखा, अतिथि उद्बोधन में जगराम जी ने ज्ञानोत्सव नाम के वास्तविक महत्व के बारे में बताया।स्कूल की प्रत्येक दीवार पर लिखी हुई पंक्ति शिक्षार्थ आए सेवार्थ जाए के वास्तविक अर्थ को बहुत सरलता और शिक्षा के दर्शन से जोड़ते हुए वहा उपस्थित कार्यकर्ता और विद्यार्थियों को इस बात से परिचय करवाया, साथ ही उन्होंने सभी को ये विश्वास दिलाया कि यदि मांँ के द्वारा प्राप्त संस्कार को बल मिल जाए तब हर विद्यालय की प्रत्येक कक्षा से राम और कृष्ण बनकर स्वतः निकल जायेंगे।

और उन्होने बताया की इस ज्ञान को समझकर इस का उत्सव मनाना ही ज्ञानोत्सव की परिकल्पना है। कार्यक्रम संयोजक डॉ संदीप विजय ने मातृ भाषा के विकास के आत्म निर्भर भारत पर अपने विचार रखे, और साथ ही उन्होंने स्थूल और सूक्ष्म ज्ञान को उदाहरण देकर सभी लोगो के सम्मुख अपने विचार रखे, न्यास के प्रांत अध्यक्ष प्रो नीरज तिवारी ने चरित्र निर्माण से आत्म निर्भर भारत पर अपने विचार रखे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे सरस्वती विद्या मंदिर के सहायक प्राचार्य श्री तीरथ सैनी जी ने भी प्राचीन शिक्षा पद्धति और वर्तमान शिक्षा की स्थिति को वर्गीकृत किया। न्यास के महिला कार्य की संयोजक डॉ दीप शिखा ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखे और आत्म निर्भर भारत के लिए ये कितना आवश्यक है इस हेतु लोगो को जागरूक किया, उन्होंने जन, जननी, जमीन, जानवर, और जंगल इन पांच के संरक्षण के क्या नैतिक कर्तव्य है मानव के इस से अवगत करवाया। इसके बाद प्रथम सत्र की अध्यक्षता कर रहे श्री नीरज भट्ट ने बहुत ही सारगंभित रूप से हमारी पूर्व से चली आ रही संस्कृति परंपरा को सभी दिशाओं में जोड़कर शिक्षा का वास्तविक अर्थ समझाया,कार्यक्रम के दूसरे सत्र में वक्ता रहे प्रो नीरज रुवाली जी ने व्यक्तित्व विकास से आत्मनिर्भर भारत पर अपने विचार रखे ,न्यास के प्रांत संयोजक अशोक मंडोला जी ने शिक्षा ज्ञान परंपरा और डॉक्टर अनुज ने कौशल विकास और उसके लिए जो सक्रिय जागरूकता की आवश्यकता होती उस पर अपने विचार रखे, विद्या मन्दिर के प्राचार्य श्री राकेश मंडोला जी ने भी ज्ञानोत्सव पर अपने विचार रखे।समापन सत्र में अशोक मंडोला जी ने प्रांत प्रतिवेदन पढ़कर लोगो को न्यास के बारे में जानकारी दी, और जगराम जी ने ज्ञानोत्सव का संदेश दिया , इस दौरान न्यास के प्रांत सह संयोजक डॉ सुरेंद्र विक्रम सिंह पडियार और न्यास के कई कार्यकर्ता के साथ ही विद्या मन्दिर के कार्मिक और छात्र उपस्थित रहे।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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