पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने पैतृक गांव मोहनरी (भतरौंजखान) में काफल पार्टी आयोजित की, कई गणमान्यों ने रसीले काफलों का लिया भरपूर स्वाद।
भिकियासैण (अल्मोड़ा) उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने पैतृक गाँव मोहनरी में काफल पार्टी का आयोजन किया। जिसमें सैकड़ो लोगों ने रसीले काफल का स्वाद लिया है। इस दौरान हरीश रावत ने लोगों को काफल वितरित कर कहा कि यह हमारी संस्कृति व पर्यावरण के प्रतीक है। गुरुवार को पहाड़ के उत्पादों को बढ़ावा व पहचान देने के उद्देश्य से आयोजित काफल पार्टी मे मोहनरी पहुंचकर पहाड़ी (नूण) नमक, सरसों के तेल में सने काफल का स्वयं पूर्व सीएम हरीश रावत ने वितरण कर कहा काफल हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसका पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है तथा स्वास्थ के लिये रामबाण औषधि माना गया है। इससे एक से डेढ़ माह तक सैकड़ो लोगों को रोजगार भी मिलता है।
उन्होनें कहा पहाड़ के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखण्ड के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ आदि जगहों में काफल, नीबू, आडू-खुमानी, आम सहित पर्वतीय व्यंजनों की पार्टी कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं। इससे यहां के उत्पादों को खूब देश- विदेश में पहचान मिल रही है। उन्होने कहा युवा पीढ़ी को भी इसके प्रचार-प्रसार के लिये आगे आना होगा। यहां पार्टी आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक ललित फर्सवाण, पूर्व राज्य मंत्री विट्टू कर्नाटक, ब्लाक प्रमुख चित्रा सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय लोग आदि शामिल रहे।