शिक्षा महानिदेशक के आदेशों से खफा कार्मिक एकतामन्च का कड़ा आक्रोश।
भिकियासैण (अल्मोड़ा) उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के आह्वान पर आज मध्याह्न 12.30 से 3 बजे तक बैठक चली है। बैठक में कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डेय , सचिव दिगम्बर फुलोरिया, उपाध्यक्ष धीरेन्द्र पाठक, सीताराम पोखरियाल सहित अनेक लोगों के साथ प्रतिभाग किया।शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के 13 मई 2023 के दो आदेशों (अटल उत्कृष्ट विद्यालयोँ में ग्रीष्मावकाश पर रोक और शिक्षकों/कर्मचारियों के द्वारा मीडिया में बयानबाजी पर दण्ड की कार्यवाही) के सन्दर्भ में विस्तृत आलोचना – विरोध एवं निन्दा की गई। संचालन दिगम्बर फुलोरिया ने किया। बैठक के आरम्भ में बी0 डी0शर्मा ने कार्मिक एकता मंच का धन्यवाद देते हुए कहा कि कर्मचारियों के खिलाफ महानिदेशक का तुगलगी फरमान जारी होने पर जहाँ राजकीय शिक्षक संघ सहित अन्य सङ्गठन मौन बैठे हुए हैं, वहीं कार्मिक एकता मंच ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयोँ के शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश और सरकार की गलत नीतियों की आलोचना पर दमनकारी फरमान जारी करने का संज्ञान लेकर मोर्चा खोला है। सचिव दिगम्बर फुलोरिया ने उच्च अधिकारियों द्वारा शिक्षकों/कर्मचारियों की पदोन्नति सूची जारी न करने और वेतन विसंगतियों के प्रकरणों का समाधान न किए जाने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उन पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की।
सीताराम पोखरियाल ने कहा कि विभाग के अधिकारी अपनी खामियों/नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसे उत्पीड़नात्मक आदेश निकाल रही है, इसका हर ब्लॉक , जिले और शिक्षा निदेशालय स्तर पर तब तक विरोध किया जाएगा,जब तक शिक्षा महानिदेशक इस आदेश को वापिस नहीं ले लेते हैं। धीरेन्द्र पाठक ने अटल विद्यालयोँ के शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश कटौती पर महानिदेशक कार्यालय पर अनशन करने और काले आदेश की होली जलाने की बात कही । अध्यक्ष रमेशचंद्र पाण्डेय ने महानिदेशक द्वारा विभाग के विषय में बयानबाजी करने पर कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की धमकी को अलोकतांत्रिक और तुगलकी फरमान बताकर मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में तत्काल ऐसे अधिकारी को पदच्युत करने की मांग की है।इस अवसर पर रमेश लाल वर्मा ,हर्षवर्धन गैरोला,जीवन तिवारी , महेश कोहली,रघुवीर राणा आदि अनेक लोगों ने महानिदेशक के काले आदेश को अपने वक्तव्य में संविधान के अनुच्छेद 19 में दिए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात बताया। अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने कहा कि ऐसे आदेशों के विरुद्ध सभी संगठनों विशेषतः शिक्षक संगठनों को लेटर पैड की परिधि से बाहर आकर मुखरित होना चाहिए। विभाग और सरकार की छवि अखबारी बयानबाजी से कम अधिकारियों की कार्यशैली से ही धूमिल हो रही है। ऐसे अधिकारी ही सरकार की भद्द पीटने में लगे हुए हैं, यही सरकार की छवि खराब करने में लगे हुए हैं।मुख्यमंत्री को चाहिए कि ऐसे अधिकारियों को तत्काल पद से हटाए।