सरकारी तंत्र की निगरानी में बिना अनुमति पेड़ों की कटाई जोरों पर।
ओखला ओधोगिक क्षेत्र में दिल्ली नगर निगम, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के देखरेख में बड़े-बड़े पेड़ों को काटना आसान। दिल्ली नगर निगम हॉर्टिकल्चर और दिल्ली वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से बिना अनुमति कटवा दिए जाते हैं बड़े बड़े पेड़। (विशेष संवाददाता- कुन्दन)।
दक्षिणी दिल्ली। देश और दुनिया को पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका का पता कोरोनाकाल में चला। कोरोनाकाल में ही सही जानकारी हुई कि मानव जीवन के लिए पेड़ कितने जरूरी हैं। इन्हीं पेड़ों की बदौलत हमें साफ हवा के साथ ऑक्सीजन मिलती है। अनेकों बार देखा गया है कि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कार्यक्रम करने से पहले पौधरोपण किया जाता है। केन्द्र और दिल्ली सरकार हर वर्ष लाखों की तादाद में औषधीय और फल देने वाले पौधों को लगाते हैं। इस वर्ष भी दिल्ली सरकार ने 50 लाख पौधे लगाने के लिए सभी विभागों को आदेश दिया। सरकार के आदेश की पालना करते हुए, दिल्ली सरकार के सभी विभागों और दिल्ली नगर निगम ने लाखों पौधे रोपित किये। वहीँ, दूसरी ओर कुछ स्वार्थी लोग अपने फायदे के लिए दिल्ली नगर निगम हॉर्टिकल्चर और दिल्ली वन विभाग के कर्मचारियों,अधिकारियों और स्थानीय छुटभैय्या नेताओं से मिलीभगत करके बड़े बड़े पेड़ों को बिना अनुमति काट देते हैं। बता दें कि ओखला औधोगिक क्षेत्र में निजी ज़मीन पर रुकावट बने बड़े बड़े पेड़ों की कटाई वन विभाग की बिना अनुमति कर दी जाती है। इसके अलावा निगम के अधीन पेड़ों को भी नहीं बक्शा जाता है।
सूत्रों की मानें तो हरकेश नगर वार्ड के ओखला औधोगिक इलाके में दिल्ली नगर निगम के हॉर्टिकल्चर विभाग ने इस वर्ष में एक भी पौधा नहीं लगाया है। उन्होंने बताया कि ओखला औधोगिक क्षेत्र में पौधा लगाना तो दूर हर महीने कहीं न कहीं बड़े-बड़े पेड़ों को बिना अनुमति काटने की जानकारी मिलती रहती है। गौरतलब है कि ओखला फेज-एक स्थित ए-200 में विभाग की बिना अनुमति बड़े-बड़े पेड़ों के मोटे-मोटे तने काट दिए गए। ओखला फेज-दो स्थित डीएचएल बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डर ने इस प्लाट से 12 बड़े पेड़ों को काट दिया। इसके अलावा टी-28 ओखला फेज-दो के सामने एक बड़े पेड़ को काट दिया गया। अब बड़े पेड़ों को काटने का ताज़ा मामला ए-75 ओखला फेज-दो से सामने आया है। जानकार बताते हैं कि बीते शुक्रवार की रात तीन बड़े पेड़ों को जड़ से काट दिया गया है।
बता दें कि ओखला ओधोगिक क्षेत्र में पेड़ों को काटने की जानकारी पहले ही दिल्ली नगर निगम हॉर्टिकल्चर और दिल्ली वन विभाग के कर्मचारियों,अधिकारियों और स्थानीय छुटभैय्या नेताओं को दे दी जाती है। स्थानीय छुटभैया नेता कम्पनी मालिक से पेड़ों को काटने के लिए सम्पर्क करते हैं। छुटभैया नेता कम्पनी मालिक को आश्वासन देते हैं कि पेड़ काटने की कोई शिकायत नहीं होगी यदि कोई शिकायत होती है तो विभाग कार्यवाही नहीं करेगा। सभी एजेंसियों के अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय नेताओं के साथ उनकी सांठगांठ होने की गारंटी लेते हैं। सूत्र बताते हैं कि पेड कटाई की शिकायत करने पर सम्बंधित विभाग कार्यवाही करने की बात कहकर मामला रफादफा कर देते हैं। कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है।