खस्ताहाल नगर निगम के पार्क, शिकायत के बाद भी नहीं होती सुनवाई। (विशेष सम्वाददाता-कुन्दन)
दक्षिणी दिल्ली। हरकेश नगर वार्ड के ओखला फेज-2 के स्थित राजाराम टुण्डेलकर पार्क की हालत बद से बदतर हो गयी है, शिकायत के बावजूद निगम पार्षद और नगर निगम के अधिकारी बदहाल पार्क की अनदेखी कर रहे हैं। दिल्ली नगर निगम में आप आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद, दिल्ली की जनता को एक आस बंधी थी, कि पिछले 15 वर्षों से नगर निगम के जिन कार्यों को भाजपा शासित निगम करने में नाकाम रही, उन सभी विकास कार्यों को आम आदमी पार्टी के पार्षद करेंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी के पार्षद जनता की उम्मीद के बिलकुल विपरीत काम कर रहे हैं। दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 10 गारंटी दी थी। उन 10 गारंटी ने एक गारंटी निगम के अधीन सभी पार्कों का सौंदर्यीकरण करना। परन्तु हरकेश नगर वार्ड के पार्कों को देखकर लगता है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली की जनता को दी गयी महज एक झूठ था।
बता दें कि तुग़लकाबाद विधानसभा के हरकेश नगर वार्ड में निगम के अधीन अनेकों पार्क आते हैं, जिनके एक पार्क ओखला औधोगिक क्षेत्र फेज-2 इलाके में स्थित राजाराम टुण्डेलकर पार्क भी आता है। यह पार्क ओखला औधोगिक क्षेत्र के बीचोबीच में है। इस पार्क के चारों ओर अनेकों बड़ी बड़ी कंपनिया भी हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व भाजपा पार्षद ने राजाराम टुण्डेलकर पार्क में नवीनीकरण के साथ सौन्द्रीयकरण का कार्य शुरू करवाया था। पार्क में प्रवेश के लिए एक बड़ा गेट और दो छोटे गेट बने हैं। स्थानीय लोगों के लिए जिम भी लगे हैं। लेकिन पूर्व पार्षद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्क की स्थिति बहुत ही दयनीय दिखाई दे रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्व पार्षद ने पार्क को ठीक करने की कोशिश तो की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और उनका कार्यकाल खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस पार्क में आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। पूरे पार्क में गोबर ही दिखाई देता है, फिलहाल बरसात के मौसम में पार्क से बदबू आने के कारण पार्क के आसपास से निकलना भी दूभर है। उन्होंने कहा कि शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों और नशा करने वालों की भीड़ पार्क के कोनों के पहुंच जाते हैं। पार्क के दो प्रवेश द्वारों को दीवारों को तोड़ दिया गया है। राजाराम टुण्डेलकर पार्क के खस्ताहाल स्थिति के विषय में जाने के लिए पार्षद ममता से बात करने के कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया।