नगर पंचायत भिकियासैण के रामलीला मैदान में बधी बेसहारा गायों की लम्बे समय से हो रही है दुर्दशा, गौ रक्षा का नारा देने वाले भी हुए मौन।
भिकियासैण (अल्मोड़ा) नगर पंचायत भिकियासैंण के वार्ड न0 2. के रामलीला मैदान में कई लम्बे समय से बेसहारा एक दर्जन से अधिक गायें बंधी हुई है, जो चारा, घास, पानी से दम तोड़ने को मजबूर है। नगर पंचायत वार्ड सदस्य न0.2 गोपाल सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि गौ संरक्षण की बात करने वाली सरकार में गौवंश का बुरा हाल है | किसान परेशान है उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है| आजकल इस क्षेत्र में बेसहारा भटक रहे गायें रोडों, गलियो, मौहल्लों में जा रहे है। गौवंश को लम्पी नामक स्किन डिजीज भी हो रखा है, जिसके कारण किसानों के पालतू पशुओं में भी इस बीमारी का प्रकोप होने की भी सम्भावना है, लेकिन न सरकारी पशु स्वास्थ्य महकमा इनकी ओर ध्यान दे रहा है, और न ही कोई टीका करण हो रहा है। अस्पतालों में लम्पी की दवाई भी है, या नहीं कुछ नहीं पता |
उन्होंने कहा उत्तराखंड में कितनी गौ माँताओं ने इस बीमारी से अपने प्राण त्यागा होगा, सरकारी आंकड़ों में अंकित नहीं है । पशु चिकित्सा अधिकारियों के पास भी गायों के आंकड़ों को रखने में कोई रुचि नहीं, क्योंकि यदि आकड़े सामने आयेंगे तो सरकारों की किरकिरी होगी | पिछलै तीन माह पूर्व नैनीसेरा में लम्पी रोग से कई गाये मर चुकी है, अभी हाल ही में विगत दिवस नगर पंचायत कै वार्ड -4 धूरा में नन्दन सिंह बिष्ट की एक गाय व बछडा लम्पी रोग से मर चुकी है। लगातार गौ माताऐं अपने प्राण त्याग कर सरकार के भ्रष्टाचार की नीतियों को उजागर कर रही है। कहने के लिए ये गाय को गौ माँता कह कर अपने वोट पक्के करते हैं, लेकिन उसको बचाने के कोई उपाय नहीं करते। क्षेत्र में बेसहारा गायों के लिए गौशालाओं की नितांत आवश्यकता है, पर कोई सोचने वाला नहीं है। आवारा गायों से खेती कर रहे किसानों को भी नुक़सान हो रहा है। कई बार तहसील मुख्यालय व नगर पंचायत आफिस में भी उक्त गायों को भेजने की व्यवस्था करने को कहा लेकिन वही ढाँक के तीन पात वाली कहावत आई। वार्ड सदस्य गोपाल सिंह ने टूक शब्दों में कहा है कि समय रहते इन गांयों को अन्यत्र गौशालाओं में नहीं भेजा गया तो, वे नगर वासियों के साथ जन आन्दोलन करने को मजबूर हो जायगें, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।