एक नजर यादों का झरोका। महिला चिकित्सालय हल्द्वानी के स्थापना दिवस पर मिष्टान किया वितरण।
हल्द्वानी (नैनीताल) कुमाऊँ केसरी श्री बद्री दत्त पाण्डे के भतीजे श्री मथुरा दत्त पाण्डे ने महिला चिकित्सालय हल्द्वानी का निर्माण करवाया था। हल्द्वानी में आज ही के दिन 1937 में महिला चिकित्सालय की स्थापना की गयी थी। आज ही के दिन 23 सितम्बर 1937 को हल्द्वानी में महिला चिकित्सालय की स्थापना हुई थी। इसके उपरान्त महिला चिकित्सालय अस्तित्व में आया था। कुमाऊँ केशरी श्री बद्री दत्त पाण्डे के भतीजे मुख्य अभियन्ता श्री मथुरा दत्त पाण्डे ने अपने कार्यकाल के दौरान इसे बनवाया था। इन्हीं यादगार लम्हों को उनके पुत्र श्री हरीश चन्द्र पाण्डे और उनकी पुत्री श्रीमती मुन्नी पाण्डे ने आज भी सजेह कर रखा है।
श्री मथुरा दत्त पाण्डे अल्मोड़ा से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लेने के बाद इंजनियरिंग की पड़ाई के लिए रुड़की चले गये थे। गोल्ड मेडल के साथ पढाई पूरी करने के बाद श्री मथुरा दत्त पाण्डे की जिला बोर्ड नैनीताल में मुख्य अभियन्ता के रुप में तैनाती हुई। इसी दौरान उन्होंने हल्द्वानी में महिला चिकित्सालय का निर्माण करवाया। भवन का डिजाईन निर्माण सब उन्हीं के दिशा निर्देशन में पूरा हुआ। शुक्रवार को उनकी पुत्री पाण्डे कुटीर भोटिया पड़ाव हल्द्वानी निवासी श्रीमती मुन्नी पाण्डे और पौत्र कर्नल आलोक पाण्डे जो आजकल सिनियर रीजनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर उपनल (कुमाऊँ सम्भाग) हल्द्वानी में कार्यरत हैं, उन्होने महिला चिकित्सालय हल्द्वानी सीएमस डॉ. उषा जंगपॉंगी को फूलों का गुलदस्ता और महिला चिकित्सालय के कर्मचारियों को मिठाई भेंट की। श्री मथुरा दत्त पाण्डे के पुत्र श्री हरीश चन्द्र पाण्डे जो बिड़ला पब्लिक स्कूल पिलानी राजस्थान से उप प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, कुसुमखेड़ा हल्द्वानी में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
23 सितम्बर 1937 में शहर के हार्ट में स्थित महिला चिकित्सालय केवल 10 बेडों से शुरु हुआ था, जो आज वर्तमान में 150 बेडों के साथ संचालित है। शहर के महॅंगे चमचमाते चिकित्सालयों में जाने में असमर्थ तमाम गरीब परिवार के लोग डिलीवरी कराने यहीं पहुँचते हैं। आज भी यह महिलाओं की उम्मीदों का बेहतरीन चिकित्सालय बना हुआ है। यह कुमाऊॅं का सबसे बड़ा महिला चिकित्सालय है। इस मौके पर कर्नल आलोक पाण्डे के पिताजी श्री प्रकाश चन्द्र पाण्डे, पत्नी श्रीमती निवेदिता पाण्डे, डॉ. भागीरथी जोशी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. कुसुम नरियाल, पूर्व डी. जी. स्वास्थ्य, डॉ. मीना पुनेठा, पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सावित्री सिंह धामी, सी. एम. एस. डॉ. ऊषा जंगपॉंगी मौजूदा सी. एम. एस. महिला चिकित्सालय शामिल थे।