राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कहा कि मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल संसद में पेश कर ऐतिहासिक कदम उठाया।

अल्मोड़ा। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कहा कि मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल संसद में पेश कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब देश की आधी आबादी नीति निर्धारण में अपनी अहम भूमिका निभाएगी। बिल के आने के बाद लोकसभा 180 और राज्यसभा 83 सीटें महिलाओं को मिलेंगी। उत्तराखंड की विधानसभा में 23 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। मंगलवार को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि आजादी के बाद से ही देश की विधानसभाओं, संसद में आधी आबादी को प्रतिनिधित्व देने के लिए संघर्ष हुए। आज सपना साकार हुआ है। महिलाओं को सम्मान देने और नीति निर्धारण में अहम भूमिका निभाने में योगदान देने के लिए मोदी सरकार का यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार ने आते ही पहले बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाकर अपनी मंशा साफ कर दी। आज आरक्षण बिल पेश कर महिला सशक्तिकरण का एक नया अध्याय शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की संसद फिलहाल 78 महिला सांसद हैं। इसमें लोकसभा में केवल 14 फीसदी महिला सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में केवल 11 फीसदी महिला सांसद है। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, उड़ीसा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से कम है। उपाध्यक्ष साह ने कहा कि इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक संसद में महिला प्रतिनिधित्व के मामले में भारत 193 देशों में 144वें नंबर पर हैं। पहली लोकसभा में केवल पांच फीसदी महिला सांसद थीं। मोदी सरकार में महिला सांसदों की संख्या में इजाफा हुआ है। देश की आधी आबादी मोदी सरकार के इस निर्णय का स्वागत कर आभार व्यक्त करती है।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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