मानसून सत्र के दूसरे दिन 11321 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट विधान सभा में किया पेश।
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन 11321 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश कर दिया। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 77407 करोड़ का बजट प्रावधान है। राजस्व मद में 52748 करोड़ एवं पूंजीगत 24659 करोड़ प्राविधानित है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार वर्तमान बजट में कुछ स्कीमों में अतिरिक्त मांग, कुछ नई योजनाओं तथा राज्य आकस्मिकता निधि से ली गयी अग्रिम धनराशि की प्रतिपूर्ति के कारण अनुपूरक बजट की आवश्यकता हुई है।गत वर्ष का कुल बजट 65571 करोड़ का बजट प्रावधान था। इसके अतिरिक्त प्रथम अनुपूरक मांग 5440 करोड़ की थी। इसमें राजस्व 2276 करोड़ और पूंजीगत 3164 करोड़ था। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक मांग के अन्तर्गत कुल बजट प्रावधान लगभग 11321 करोड़ है, जिसमें लगभग 3530 करोड़ राजस्व एवं लगभग 7790 करोड पूंजीगत का प्रस्ताव है।
अनुपूरक बजट के मुख्य बिन्दु:-
वित्त मंत्री द्वारा पेश अनुपूरक बजट में केन्द्र पोषित योजना (सीएसएस) के अन्तर्गत लगभग 3000 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसके तहत नाबार्ड के अन्तर्गत लगभग 286 करोड़,बाह्य सहायतित योजना (ईएपी) हेतु लगभग 331 करोड़ तथा राज्य पोषित योजनाओं के अन्तर्गत लगभग 3200 करोड़ का प्राविधान किया। स्थानीय निकायों को समनुदेशन हेतु 157 करोड़ का प्राविधान किया गया है, जिसमें नगर निगमों के लिए लगभग 38 करोड़, नगर पालिकाओं हेतु लगभग 45 करोड़, नगर पंचायतों के लिए लगभग 10 करोड़, जिला पंचायतों हेतु लगभग 23 करोड़, क्षेत्र पंचायतों हेतु लगभग 11 करोड़ और ग्राम पंचायतों के लिए 28 करोड़ प्राविधानित हैं।
प्रमुख पूँजीगत योजनाओं में बजट प्राविधान में :-
भारत सरकार से अवस्थापना कार्यों के निर्माण हेतु प्राप्त होने वाली धनराशि के अन्तर्गत लगभग 600 करोड़, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पूँजीगत कार्यों हेतु लगभग, 765 करोड़, आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढीकरण हेतु लगभग 321 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड निर्माण आदि के लिये भूमि अधिग्रहण हेतु लगभग 156 करोड़, पार्किगं के निर्माण हेतु लगभग 135 करोड़, समग्र शिक्षा के अन्तर्गत लगभग 128 करोड़, लोक निर्माण विभाग की आरआईडीएफ योजना के अन्तर्गत लगभग 100 करोड़ हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु लगभग 100 करोड़ व रूफ टॉप सोलर सयंत्र तथा स्ट्रीट लाईट हेतु लगभग 67 करोड़ का प्राविधान किया गया है।मुख्यमंत्री आंगनबाडी भवन निर्माण हेतु लगभग 50 करोड़, यूनिटी मॉल/प्लाजा के निर्माण हेतु लगभग 50 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू. 30 करोड़, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग 25 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 36.50 करोड का प्राविधान किया गया है
अनुपूरक मांगों के अनुसार स्पोर्टस स्टेडियम के निर्माण हेतु लगभग 20 करोड़, स्टेट कैन्सर संस्थान हल्द्वानी हेतु लगभग 20 करोड़, कारागार तथा आवासीय भवनों के निर्माण हेतु लगभग 18 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 17 करोड़, कृषि उत्पादों के विपणन हेतु अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये लगभग 12.45 करोड़, पुलिस विभाग के आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु लगभग 12 करोड़, पंचायत भवनों के निर्माण हेतु लगभग 10 करोड़, बस अड्डों के निर्माण हेतु लगभग 10 करोड़, टाटा टेक्नोलॉजी के अनुसार आईआईटी के उन्नयन हेतु 7 करोड़ का प्राविधान किया गया है।राजस्व व्यय के अन्तर्गत हेतु 3530 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
प्रमुख राजस्व योजनाओं में बजट प्राविधान में :-
सदन में पेश अनुपूरक बजट में सड़कों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग 300 करोड़ का प्राविधान किया गया हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन लगभग 297 करोड़, खाद्यान सब्सिडी हेतु 284 करोड़, आपदा विभाग में एसडीआरएफ अन्तर्गत 218 करोड़, अटल आयुष्मान हेतु लगभग 200 करोड़ का प्राविधान किया गया है।प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लगभग 190 करोड़ व राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान लगभग 120 करोड़ का प्राविधान किया गया है। जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के प्रबन्धन हेतु मूल बजट में 1000 करोड़ का प्राविधान किया गया था,इसके अतिरिक्त अनुपूरक बजट के माध्यम से 100 करोड़ का अतिरिक्त प्राविधान किया जा रहा है। वन विभाग की कैम्पा योजना के अन्तर्गत लगभग 100 करोड़ का प्राविधान किया गया है।नन्दा गौरा योजना हेतु लगभग 95 करोड़, निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना अन्तर्गत लगभग रू0 68 करोड़,स्वच्छ भारत मिशन लगभग 36 करोड़ का प्राविधान है।
अनुपूरक बजट में प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट, स्टार्टअप और इंटरप्रीनियोरशिप हेतु 25 करोड़, ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग 10 करोड़ और दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता कल्याण योजना हेतु 10 करोड़ का प्राविधान किया गया है। गौ संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु लगभग 8 करोड़,मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना हेतु लगभग 8 करोड़,पशुपालन के अन्तर्गत साइलेज पशुपोषण योजना हेतु लगभग 7 करोड़ का प्राविधान किया गया है। गौ सदनों की स्थापना हेतु लगभग 5 करोड़ व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु लगभग 5 करोड़ का प्राविधान है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अन्तर्गत जनजातीय संस्कृति के विकास हेतु कार्पस फण्ड गठन के लिए लगभग 1 करोड़,जनजातीय महोत्सव के आयोजन लगभग 1 करोड़,जनजाति युवा खेल महोत्सव लगभग 0.5 करोड़,शहरी स्थानीय निकाय सुधार प्रोत्साहन निधि हेतु लगभग 1 करोड़ और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु लगभग 5 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।