ओखला औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के बाद फिर अतिक्रमण बदस्तूर जारी।
निगमायुक्त के लगातार दौरा करने के बावजूद ओखला इलाके में अतिक्रमण में कोई कमी नहीं, स्थानीय प्रशासन की मिलिभगत से सड़कों पर भी बढ़ता जा रहा है अतिक्रमण। (विशेष संवाददाता – कुन्दन)
नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए, दिल्ली नगर निगम मध्य क्षेत्र के उपायुक्त ने बीते डेढ़ महीने में तीन बार इलाके का दौरा किया। निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के हरकेश नगर और तुग़लकाबाद वार्ड के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण की शिकायतों को देखते हुए निगमायुक्त के आदेश अनुसार समय-समय पर अतिक्रमण हटाया जाता रहा है।
गौरतलब है कि ओखला औधोगिक क्षेत्र ने अनेकों फैक्ट्रियां और खाली प्लॉट भी हैं, अधिकतर फैक्टरियों के समीप, खाली पड़ी ज़मीन और फैक्ट्रियों के पीछे गलियों में कबाड़ के गोदाम बना दिए गए हैं। इन्हीं इलाके में सड़कों पर डस्ट, रोड़ी के स्टॉक बने हुए हैं। जगह जगह रेहड़ी पटरी वालों का जमावड़ा देखने को मिल जाते हैं। जिनकी वजह से यातायात की समस्या बनी रहती है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि ओखला औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण करने में स्थानीय प्रशासन और निगम के अधिकारी की मिलीभगत होती है।
ओखला चैम्बर और इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अरुण पोपली ने बताया कि ओखला फेज- 1 और फेज- 2 में अतिक्रमण एक विकत समस्या है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कहीं न कहीं अतिक्रमण किया जाता है। बल्कि स्थानीय पुलिस से मिलकर कबाड़ के गोदाम के लिए खाली प्लॉटों पर अवैध कब्ज़ा करना आम बात हो गई है। अधिकतर खाली प्लॉटों में कबाड़ के गोदाम बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि ओखला फेज- 2 में सड़कों पर कबाड़ी कतरन छटाई करवाते हैं, जिसकी वजह से आवागमन में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों के पीछे गलियों में कबाड़ी का गोदाम बनने से फैक्ट्री मालिकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। एसोसिएशन के चेयरमैन अरुण पोपली बताते है कि ओखला से अतिक्रमण हटाने के लिए निगम अधिकारियों को अनेकों बार लिखित शिकायत दी गई। शिकायत पर संज्ञान लेकर बीते दिनों मध्य क्षेत्र के निगम उपायुक्त ने तीन बार दौरा भी किया था। इस दौरान अतिक्रमण को देखते हुए निगमायुक्त ने अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए और बीते शुक्रवार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। वहीं दिन में अतिक्रमण हटाया गया और शाम होते होते फिर से अतिक्रमण किया जाना शुरु कर दिया गया।