एमबीपीजी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. शर्मा ने किया राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रतिभाग।
हल्द्वानी (नैनीताल) वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुदानित व हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा “संसदीय लोकतांत्रिक परंपरा में तकनीकी शब्दावली का महत्व” विषय पर एकेडमिक एक्टिविटी सेंटर चौरस में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवीन शर्मा ने प्रतिभाग किया। इधर राष्ट्रीय कार्यालय से लौटे डॉ. शर्मा ने बताया कि देशभर से आए हुए विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने एक साथ जुटकर संसदीय तकनीकी शब्दावली का विकास एवं संवर्धन, संविधान के इतिहास, विकास तथा प्रस्तावना में वर्णित तकनीकी शब्दों का समावेश, संवैधानिक व्यवस्था में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दों का योगदान, संसदीय लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका, संविधान के परिप्रेक्ष्य में संसदीय लोकतंत्र एवं न्यायिक दृष्टिकोण आदि विभिन्न विषयों पर चिंतन, मनन व मंथन किया गया। डॉ. शर्मा ने भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, संसदीय शासन प्रणाली के परिप्रेक्ष्य में लोकतांत्रिक परम्परा में तकनीकी शब्दावली की भूमिका विषय पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
डॉ. शर्मा के सम्बोधन के बाद मंचासीन एचएनबी केन्द्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल के प्रति- कुलपति प्रो. आर. सी. भट्ट, हिमालयन यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति प्रो. काशीनाथ जैना, केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. पीवीवी सुब्रमण्यम, तकनीकी शब्दावली आयोग के सहायक निदेशक प्रो. शहजाद अंसारी व कार्यशाला के संयोजक प्रो.एम. एम सेमवाल ने संयुक्त रूप से डॉ. शर्मा को प्रमाण पत्र भेंट किया। इससे पूर्व भी डॉ. शर्मा 40 से ज्यादा राष्टीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, संगोष्ठी में अपना शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं, और 15 से ज्यादा राष्टीय कार्यशाला में प्रतिभाग कर चुके हैं। और डॉ. शर्मा के 22 से ज्यादा शोध पत्रों का प्रकाशन भी हो चुका है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में एचएनबी केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल, प्रति कुलपति प्रो. आर.सी. भट्ट, हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. काशीनाथ जैना, तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश नाथ झा, सहायक निदेशक डॉ. शहजाद अंसारी, केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. पीवीवी सुब्रह्मण्यम, एचएनबी केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष व कार्यशाला संयोजक प्रो. एम. एम. सेमवाल, जामिया से प्रो. नावेद जमाल, हर्ष विद्या मंदिर पीजी कॉलेज राईसी के प्राचार्य प्रो. राजेश पालीवाल समेत जेएनयू, डीयू, बीएचयू, जामिया, इलाहाबाद, सीसीएस मेरठ, पंजाब, कुरुक्षेत्रा, दून, श्रीदेव सुमन, कुमाऊं विश्वविद्यालय समेत देशभर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों से आये हुए 150 से ज्यादा प्राध्यापकों व शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।