लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है मीडिया – अनुराग ठाकुर। (विशेष संवाददाता – कुन्दन)
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसे कुछ मीडिया संस्थान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि मंडिया को लोकतंत्र के एक जिम्मेदार स्तंभ के रुप में कार्य करना चाहिए और फर्जी विमर्श को सामने लाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा ऐसे विमर्श जैसे झूठ को उजागर करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि सच्चाई कायम रहे। उन्होंने हमारे राष्ट्र के उन्होंने कहा, हितों की की रक्षा करना और भारत विरोधा ऐसे विचारों को जगह देने से बचना आवश्यक है, जो हमारी एकता और अखंडता को खतरे में डाल सकते हैं। केंद्रीयमंत्री अनुराग ठाकुर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ठाकुर ने कहा, भले ही हम प्रेस की स्वतंत्रता का न मनाते हैं लेकिन हम उन लोगों से आखें नहीं मूंद सकते जो हमारे राष्ट्र की भावना को कमजोर करना चाहते हैं। ऐसे कुछ व्यक्ति और मीडिया संस्थान भी हैं जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाते हैं।
मंत्री ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में जहां प्रौद्योगिकी सूचना प्रसारित करने के तरीके को आकार देती है, मीडिया के लिए सतर्क रहना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने कहा हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां एक बटन दबाने से गलत सूचना का प्रसार किया जा सकता है। ठाकुर ने कहा, हमारी सरकार मीडिया को एक विवेकशील दृष्टिकगण अपनाने, सनसनी फैलाने के नुकसान से बचने और हमारे समाज के तानेबाने को नुकसान पहुंचाने वाली धारणाओं से दूर रहने के लिए, प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ वर्षो में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए उन्हें आशा है कि मीडिया केवल भारत के परिवर्तन की कहानी को ही नहीं, बल्कि उसके विभिन्न सूबों और क्षेत्रों के करोड़ों लोगों की आशाओं, आकाक्षाओं पर भी प्रकाश डालने में रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
ठाकुर ने कहा कि भारत के चित्रण और उसके मीडिया के संबंध में कुछ पश्चिमी पूर्वाग्रही द्वारा लगातार प्रचारित की जा रही गलत धारणाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है। अपनी वेिशिक खुमारी अक्सर धारणाओं को विकृत कर देती है, लेकिन हम दावा करते हैं कि हमारा मीडिया परिदृश्य गतिशील, चिंतनशील है और अपने गुणों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत का मीडिया इसकी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतिबिंब है और हमें वैश्विक विमर्श में इसके योगदानों पर गर्व है।