नवीनीकरण ऊर्जा विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन।
भिकियासैंण/स्याल्दे। विकास खंड स्याल्दे के आर्य इण्टर कॉलेज देघाट में आज रिवाइवल इनर्जी ऊर्जा नवीनीकरण विषय को लेकर गोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजित संगोष्ठी में वैकल्पिक उर्जा के उपयोग तथा संभालनाओं को लेकर चर्चा की गई। गोष्ठी में प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों सोलर एनर्जी, जल विद्युत, ताप ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रो इनर्जी जैसी वैकल्पिक उर्जा को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत ही मानव जीवन के लिए व्यवहार रहित एंव प्रर्यावरण के लिए उपयुक्त साधन बताया।
वर्तमान ऊर्जा जरुरतों को देखते हुए गैस, तेल, कोयला जैसे सीमित संसाधनों का लम्बे समय तक दोहन तथा इनके सीमित उपलब्धता तथा पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के चलते प्रर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बताया, इस लिए आने वाले समय में सोलर ऊर्जा, पवन उर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा व बायो गैस ऊर्जा व जलीय ऊर्जा का इस्तेमाल करके ही ऊर्जा खपत को पूरा करने के साथ पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है।
सूरज अपार ऊर्जा का भण्डार है इस लिए सूरज की रोशनी से ऊर्जा खपत को शत प्रतिशत पूरा किया जा सकता है, इस लिए दैनिक उपयोग में वैकल्पिक उर्जा को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है, स्टेट काउंसिल फार साइंन्स एवं टैक्नालोजी की ओर से आयोजित गोष्ठी में संस्था के संतोष मासीवाल, गिरधर बिष्ट, डॉ. खीमांनन्द बलोदी, प्रधानाचार्य डॉ. बी. डी. शर्मा, प्रबन्धक अशोक तिवारी, पूर्व प्रबन्धक पूरन रजवार, डॉ. पंकज बहुगुणा, गिरीश चतुर्वेदी, रजनी पपनोई, महेश जोशी, भुवन चंद्र नैनवाल, गिरीश चंद्र, रश्मि बिष्ट, ख्यालीराम आदि मौजूद रहे।