मिलावटी पनीर का जखीरा पकड़ा, रामनगर के रिसॉर्टों में ले जाया जा रहा था, दो कारों पर बने थे आर्मी और अधिवक्ता के लोगो व तीसरी कार पर लिखा था वीआईपी।
भिकियासैण /काशीपुर। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम एवं एफडीए विजिलेंस देहरादून की टीम ने भारी मात्रा में मिलावटी पनीर बरामद किया गया। मालूम हो यह पनीर चौपहिया वाहनों के माध्यम से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर से लाया जा रहा था,तथा रामनगर के रिसॉर्टों में ले जाया जा रहा था। खास बात यह है कि इनमें से एक कार पर आर्मी और दूसरी पर अधिवक्ता का लोगो बना था, तथा एक कार पर वीआईपी लिखा था। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ललित मोहन पांडे के अनुसार उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा आयुक्त आर राजेश कुमार के निर्देश पर मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्यवाही की गई। इसी के तहत खाद्य सुरक्षा उपायुक्त गणेश चंद्र कंडवाल के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम एवं एफडीए विजिलेंस देहरादून के एसआई जगदीश रतूड़ी के नेतृत्व में संयुक्त रूप से की गई कार्यवाही के अंतर्गत शुक्रवार को यहां काशीपुर में प्रात: करीब 4 बजे दढिय़ाल रोड पर वाहनों की चेकिंग की गई। इस दौरान 5.30 बजे दो कारो में 3.30 क्विंटल मिलावटी पनीर पकड़ा गया। जो कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर के टांडा से लाकर रामनगर के होटलों और रिजॉर्टो में वितरित करने के लिए ले जाया जा रहा था। टीम के मुताविक प्रथम दृष्टया बरामद पनीर मिलावटी प्रतीत हो रहा है, जिसके चलते खाद्य सुरक्षा अधिकारी काशीपुर और जसपुर पवन कुमार द्वारा पनीर के सैंपल लेकर तत्काल प्रभाव से जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इनकी रिपोर्ट कल (आज) तक आ जाए। उन्होंने बताया कि मिलावटी पनीर ला रहे दोनों व्यक्तियों के द्वारा पूछताछ करने पर बताया गया कि वह यह पनीर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर के टांडा स्वार ला रहे थे, जहां इसकी फैक्ट्री संचालित है।
वह यह काम लगातार करते रहते हैं और निजी नंबरों की गाडिय़ों में अब यह कारोबार कर रहे हैं, और लगातार वाहन भी बदलते रहते हैं, जिससे कि वह पकड़ में नहीं आ पाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि बरामद किये गये गए पनीर की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी। यह पनीर जांच के लिए रुद्रपुर लैब में भेजा जाएगा। वहीं एफडीए विजिलेंस देहरादून के उपनिरीक्षक जगदीश रतूडी के मुताबिक उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा कमिश्नर के निर्देश पर खाद्य पदार्थों की मिलावट को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है जो कि सभी जिलों में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य फोकस डेरी प्रोडक्ट पर है,क्योंकि सबसे ज्यादा मिलावट डेयरी प्रोडक्ट में पाई जाती है, और आज आम जनता के द्वारा डेरी प्रोडक्ट का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है, इसलिए सरकार से लेकर शासन तक सभी इस मिलावट को रोकने के लिए कटिबद्ध हैं, जिसके चलते यह अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान टीम में खाद्य सुरक्षा उत्तराखंड उपायुक्त गणेश चंद कंडवाल, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ललित मोहन पांडे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी काशीपुर, जसपुर पवन कुमार, एसआई जगदीश रतूडी एफडीए विजिलेंस देहरादून, संजय नेगी आदि शामिल रहे।