भाकपा माले द्वारा पुरौला घटना के अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग को महामहिम राज्यपाल सहित कई महोदयानों को दिया ज्ञापन।
भिकियासैंण (अल्मोड़ा) तहसील मुख्यालय भिकियासैण में भाकपा माले द्वारा पुरौला घटना के अपराधियों को सख्त सजा दिए जाने और इस निन्दनीय और असामाजिक घटना पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वाले संगठनों, लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर राज्य स्तरीय प्रतिवाद के तहत महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड राजभवन, देहरादून, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड शासन, देहरादून, श्रीमान पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड पुलिस देहरादून के नाम उपजिलाधिकारी भिकियासैंण को ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञापन में उत्तराखंड में सिलसिलेवार बढ़ रही भीड़ हिंसा और साम्प्रदायिक उन्माद की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए शासन – प्रशासन की भूमिका की निन्दा की गई जो उत्पात और उन्माद को रोकने की कोशिश भी नहीं करते जिनके निशाने पर राज्य के अल्पसंख्यक हैं । ज्ञापन में आरोपियों में एक मुस्लिम और एक हिंदू की गिरफ्तारी और आरोपियों का किसी तरह का बचाव न किए जाने के वाबजूद धर्म के स्वयंभू ठेकेदारों द्वारा उन्मादी राजनीति करने के लिए निरन्तर उग्र माहौल बनाए रखने के लिए विभिन्न बाजारों को बन्द रखना, जिनका कोई अपराध नहीं है, सभी अल्पसंख्यकों की दुकानों को खाली करने का पोस्टर चस्पा करने वालों और नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई न करना एक सुनियोजित कार्यवाही प्रतीत होती है जो कि असंवैधानिक, गैरकानूनी और अपराधिक कृत्य है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाने की मांग के साथ पुरौला में सामान्य स्थिति बहाल करने, निर्दोष अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की मांग की है।
साथ ही राज्य सरकार के अतिक्रमण हटाने के अभियान को साम्प्रदायिक विभाजन के औजार बतौर प्रयोग करने पर रोक लगाते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा भीड़ हिंसा रोकने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देशों का तत्काल प्रभावी तौर पर अनुपालन सुनिश्चित करने की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालों में भाकपा माले के जिला सचिव आनन्द सिंह नेगी, बसपा कार्यकर्ता एडवोकेट भोलेशंकर, श्याम सिंह, कोटियाग के पूर्व प्रधान वंशीधर आर्या, एडवोकेट धीरज कुमार सम्मिलित रहे ।