उत्तराखण्ड के चमोली जिले में बुधवार की सुबह बड़ा हादसा हुआ, 15 लोगों की गई जान।
अल्मोड़ा/ चमोली। यहां चमोली बाजार के पास स्थित नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैल गया। हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी झुलसे हुए हैं। मृतकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।
1- उप निरीक्षक प्रदीप रावत चौकी पीपलकोटी।
2- होमगार्ड मुकंदे राम s/o श्यामदास निवासी हरमानी चमोली उम्र 55।
3- होमगार्ड गोपाल s/o माधव सिंह निवासी ग्राम रूपा चमोली उम्र 57 वर्ष।
4- होमगार्ड सोबत लाल निवासी ग्राम पाडुली।
5- सुमित पुत्र स्वर्गीय चंद्र सिंह अस्वाल निवासी ग्राम रांगतोली चमोली उम्र 25 वर्ष।
6- सुरेंद्र पुत्र विजय लाल निवासी हरमानी चमोली उम्र 33।
7- देवी लाल पुत्र असील दास निवासी हर्मनी उम्र 45 वर्ष।
8- योगेंद्र सिंह पुत्र महिपाल सिंह निवासी हर्मनी।
9- सुरेंद्र सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय गोपाल सिंह निवासी हर्मनी उम्र 38 वर्ष।
10- विपिन पुत्र सोबत निवासी पाटोली गोपेश्वर उम्र 26 वर्ष।
11- मनोज कुमार निवासी हर्मनी उम्र 38 वर्ष।
12- सुखदेव पुत्र एलम दास ग्राम रंगतोली चमोली उम्र 33 वर्ष।
13- प्रमोद कुमार पुत्र सुदामा लाल निवासी हर्मनी।
14- दीपू कुमार पुत्र महेंद्र लाल निवासी हर्मनी उम्र 33।
15- महिपाल पुत्र दुर्लप सिंह निवासी ग्राम रंगतोली उम्र 60 वर्ष है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद, जिला मजिस्ट्रेट चमोली हिमांशु खुराना ने चमोली घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए, जहां अलकनंदा नदी के तट पर निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना में बिजली का करंट लगने से 15 लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि, नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर उस समय 22 लोग मौजूद थे।करंट फैलने पर सबसे पहले प्रोजेक्ट साइट के केयर टेकर गणेश लाल इसकी चपेट में आ गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। जिसके बाद मृतक के परिजन, कोतवाल, होमगार्ड व अन्य स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। फिर एक-एक कर सभी करंट की चपेट में आए और देखते ही देखते वहां 15 लाशें बिछ गई।बताया जा रहा है कि अलकनंदा नदी से लगे साइड रेलिंग में भी करंट फैल गया था। जिस कारण हादसे ने भयानक रूप ले लिया। हादसे में पीपलकोटी चौकी प्रभारी प्रदीप रावत और होमगार्ड मुकंदीलाल भी शामिल हैं। झुलसे हुए लोगों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है जहां उनके चिकित्सीय परीक्षण के बाद उनकी स्थिति का स्पष्टीकरण होगा। चमोली के ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि रात को बिजली के तीसरे फेस में एक फेलर हो गया था। सुबह तीसरे फेस को जोड़ने के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट दौड़ गया। हादसे के पीछे इसका कारण तलाशा जा रहा है।यह हादसा चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना के काम के दौरान हुआ है। इस घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि अन्य सात लोग घायल हुए है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इस प्रोजेक्ट के काम की रफ्तार तेज हो गई थी।
इस हादसे के बाद अधिकारियों ने जांच के लिए शीघ्र तैनाती का आदेश दिया है। यह हादसा राज्य और केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है और स्थानीय अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेना है। घातक हादसे के पीड़ित परिवारों को समर्थन और मदद प्रदान किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने समस्त इलाके में बचाव के उपायों को जांचने का काम शुरू कर दिया है और घातक हादसे की वजहों को गहराई से छानने के लिए जुटे हैं। हादसे की विस्तृत जांच और मृतकों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के साथ, सरकार ने ऐसे घातक घटनाओं को रोकने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी वादा किया है।