दक्षिणी दिल्ली में पेड़ों को काटने वाला गिरोह सक्रिय।

वन महोत्सव माह में पेड़-पौधों को लगाना चाहिए, लेकिन ओखला ओद्योगिक क्षेत्र में बिना अनुमति पेड़ों को काटना जारी। (विशेष संवाददाता- कुन्दन)

दक्षिणी दिल्ली। देशभर में वन महोत्सव और पेड़- पौधों का लगाने का सीजन चल रहा है। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत सभी राज्यों में लाखों पौधारोपण किए गए हैं। एक प्रतिष्ठित अख़बार के माध्यम से जानकारी मिली है कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीते 8 वर्षों में 22 करोड़ से भी ज्यादा वृक्षारोपण किया गया है। वृक्षारोपण की कड़ी में इस वर्ष राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 50 लाख पेड़-पौधे लगाने का फैसला किया गया है। इन सभी पौधों को लगाने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के सभी संबंधित विभागों को दी गई है।

वहीं, दूसरी ओर दक्षिणी दिल्ली के ओखला ओद्योगिक क्षेत्र में बिना अनुमति के पेडों को काटने का काम निरंतर चल रहा है। सूत्रों के हवाले खबर है कि बीते एक महीने में ओखला ओद्योगिक इलाके में अनेकों पेडों को काट दिया गया है। उन्होंने बताया कि पेड़ों को काटने के लिए इलाके में एक पेड़ काटो गिरोह सक्रिय है। जिसका संचालन आलोक कुमार नामक व्यक्ति करता है। उन्होंने बताया कि आलोक कुमार ओखला ओद्योगिक इलाके में अनेकों जगहों पर पेड़ काट चुका है। जैसे ए-20,F-60 ओखला फेस 1 और ए-75, जेड 71, ई 46/1 इसके अलावा अनेकों जगहों पर पेड़ काट चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इन पेड़ों को काटने में स्थानीय पुलिस बीटकर्मी,निगमकर्मी और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत होती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बिना अनुमति पेड़ काटने के लिए 5 से 10 लाख रुपए लिए जाते हैं।

इसके अलावा कुछ कम्पनी के मालिक निगम और वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति लेते है। लेकिन संबंधित विभाग द्वारा पेडों की हेड बैक की अनुमति ही मिल पाती है। परन्तु मालिक और पेड़ काटने वाले कॉन्ट्रैक्टर उसी अनुमति को मोहरा बनाकर पूरे पेड़ को काट देते हैं। बीते दिनों ओखला ओद्योगिक इलाके में इसी तरह अनेकों पेड़ों को काट दिया गया है। जानकारों की माने तो ओखला ओद्योगिक क्षेत्र में अनेकों जगहों पर बिना अनुमति पेडों को काट दिया गया है। इन सभी पेड़ों को काटने का सौदा तय कर दिया गया है। बता दें कि दक्षिणी दिल्ली के हरकेश नगर वार्ड में बीते एक वर्ष में कोई पौधारोपण नहीं किया गया है।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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