कथक नृत्य के गुण सीखे बच्चों ने।

हल्द्वानी/हल्दूचौड़। शास्त्रीय नृत्य शैली कत्थक के व्यापक प्रचार प्रसार के उद्देश्यों को लेकर मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति द्वारा संगीत नाटक अकादमी दिल्ली के सहयोग से कथक नृत्य व्याख्यान का आयोजन हल्द्वानी व अल्मोड़ा में किया जा रहा है। इस व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत इंदिरा अकादमी हल्दूचौड़ से हुई। कथक नृत्य व्याख्यान प्रदर्शन कथक नृत्यांगना वेदांती जोशी द्वारा किया गया।

वेदांती जोशी ने देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी एकल प्रस्तुति दी है, जिनमें तमिलनाडु, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, अल्मोड़ा, नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, लखनऊ, गाजियाबाद और इलाहाबाद प्रमुख है। उनके कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दूरदर्शन से भी प्रसारित होती रहती हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्पीक मैके की कल्चर सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं, साथ ही कई राष्ट्रीय सम्मेलनों में उन्होंने प्रतिभाग भी किया है, व कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें उत्तराखण्ड सरकार का उत्तराखण्ड की बेटी सम्मान, हरियाणा से संगीत पुरुषोत्तम अवार्ड, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से किशोर संगीत कला शिरोमणी अवॉर्ड आदि प्रमुख है।

कार्यक्रम में वेदांती ने कथक के विकास यात्रा के साथ-साथ ताल व भाव पक्ष की जानकारी दी। नृत्यांगना वेदांती ने कथक के आध्यात्मिक पक्ष को अपनी प्रस्तुति में शामिल किया है। उन्होंने तल पक्ष पर तबले के साथ घुंघरु की जुगलबंदी प्रस्तुत की। छात्राओं को कुछ नृत्य मुद्राएं सिखाई, जिससे वह अपने नृत्य को और अधिक सुंदर बना सकें। उन्होंने कहा कि आज जब संपूर्ण विश्व भारत की देख रहा है। यहां की संस्कृति की चर्चा है तो हमें इस पर गर्व करते हुए इसे आत्मसात करना चाहिए।

इंदिरा अकादमी की प्रधानाचार्य ने मोहन उप्रेती शोध समिति तथा संगीत नाटक अकादमी दिल्ली का आभार व्यक्त करते हुए कथक नृत्यांगना वेदांती जोशी को उनके उत्कृष्ट व्याख्यान प्रदर्शन के लिए विद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया। संस्था के द्वारा संस्कृति पर एक प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चे शिक्षक आदि उपस्थित थे। संस्था के अध्यक्ष हेमंत जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।