शिक्षा की देवी:- शिक्षा, शिक्षण और शिक्षक।

डॉ. भारत पाण्डे
सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रुद्रपुर, उत्तराखण्ड

रुद्रपुर। शिक्षा और शिक्षण हमारे समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। शिक्षा हमें ज्ञान, समझ, और विचारशीलता का सामर्थ्य प्रदान करती है, जबकि शिक्षण हमें उस ज्ञान को स्वीकार करने और समाना करने की कला सिखाता है। इस प्रक्रिया में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, जो हमें न केवल ज्ञान के साथ साथ संस्कार और नैतिकता को भी सिखाते हैं। इस लेख में, हम शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों के महत्व को गहराई से समझेंगे।

शिक्षा का महत्व-
शिक्षा एक ऐसा शक्तिशाली उपकरण है, जो हमें ज्ञान का संचार करता है, और मानवीय समाज को सुधारने में मदद करता है। शिक्षा न केवल पाठ्यक्रमों के अंतर्गत ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि हमें अनुशासन, नैतिकता, समाज सेवा, और सामाजिक जिम्मेदारी का भी अधिकारी बनाती है। शिक्षा हमें स्वतंत्रता की भावना, सोचने की योग्यता, और नई विचारों की प्रेरणा प्रदान करती है।

शिक्षण का महत्व-
शिक्षण शिक्षा की वास्तविकता को जीवंत करने का कार्य करता है। यह हमें ज्ञान को समझने और उसे अपनाने की कला सिखाता है। शिक्षण के माध्यम से, छात्रों को नए विचारों और नये अनुभवों का सामर्थ्य प्राप्त होता है। शिक्षण हमारी व्यक्तिगत और सामाजज्ञान में सुधार करके हमें एक अधिक पूर्ण मनुष्य बनाता है। शिक्षण के माध्यम से हमें विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, साहित्य आदि के बारे में जानने का मौका मिलता है। यह हमें अपनी क्षमताओं को पहचानने और समृद्ध करने में मदद करता है।

शिक्षकों का महत्व-
अगर शिक्षा देवी हैं, तो शिक्षक उनके पुरोहित होते हैं। शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे हमारे जीवन में गुरुत्वाकर्षण का कार्य करते हैं। शिक्षक हमें न केवल ज्ञान के साथ-साथ संस्कार, नैतिकता, और अच्छी संवेदनशीलता को भी सिखाते हैं। वे हमारी प्रेरणा होते हैं, हमें संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, और हमारे सपनों को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

समाप्ति-
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों का महत्व अत्यंत गरिमामय है। शिक्षा हमें समृद्ध और समान समाज का निर्माण करने में मदद करती है, और शिक्षण हमें विचारशीलता, समझ, और सक्रिय भूमिका निभाने की क्षमता प्रदान करता है। शिक्षक उन दिग्गजों में से हैं, जो हमें न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि हमारे जीवन को संपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। इसलिए, हमें शिक्षा की महिमा को समझने और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को सरजारी रखने के लिए, हमें समय-समय पर अपनी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। हमें अपनी क्षमताओं को निरंतर विकसित करने का प्रयास करना चाहिए, और नए ज्ञान का अभ्यास करना चाहिए। शिक्षा केंद्रित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें अपनी जीवनशैली में शिक्षा को समाविष्ट करना चाहिए। इसके अलावा, हमें शिक्षा के माध्यम से अपने समाज में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए, और दूसरों को भी शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए। अगर हम शिक्षा को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं, तो हम अपने स्वयं के साथ-साथ अपने समाज को भी स्थायी और सामरिक विकास के लिए रख सकते हैं। शिक्षा हमें सुविधाजनक और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने की क्षमता प्रदान करती है, और हमें समस्याओं का समाधान ढूंढने की क्षमता भी देती है। इसलिए, आगे बढ़ते हुए हमें शिक्षा को महत्व देना चाहिए और शिक्षकों की सराहना और सम्मान करना चाहिए। हमें अपने जीवन में सदैव शिक्षा के माध्यम से सीखने का इच्छुक रहना चाहिए, और अधिक संवेदनशील और समान समाज के निर्माण का योगदान देना चाहिए।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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