युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने में शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका – दुर्गेश।

अल्मोड़ा। मानसखंड विज्ञान केंद्र अल्मोड़ा ने वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर शुरु किया। आज यूकॉस्ट (उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी) के तत्वाधान में अल्मोड़ा के मानसखंड विज्ञान केंद्र में पहले ग्रीष्मकालीन शिविर की शुरुआत की गई। इस पहल में क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की है, जो युवाओं के बीच वैज्ञानिक अन्वेषण में बढ़ती रुचि को दर्शाता है।

ग्रीष्मकालीन शिविर बच्चों के बहुमुखी विकास को पूरा करने के लिए तैयार किए गए विविध प्रकार के वैज्ञानिक कार्यक्रमों पर केंद्रित है। इनमें “छोटे वैज्ञानिक” और “छोटे इंजीनियर” के साथ-साथ कला और शिल्प सत्रों के माध्यम से रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने वाले शिविर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अगले दो महीनों में अनेक विज्ञान आधारित कैंप चलाए जाएंगे जैसे जूनियर वैज्ञानिक, रोबोटिक्स और कोडिंग, विज्ञान आधारित खिलौनों को बनाना, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल इत्यादि, जिससे प्रतिभागियों को इन क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव दिया जायेगा।

ग्रीष्मकालीन शिविर का उद्घाटन ऑनलाइन माध्यम से यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत द्वारा किया गया। अपने संबोधन में डॉ. पंत ने युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने में ऐसे शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और एक प्रगतिशील समाज को आकार देने में उनके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मानसखंड विज्ञान केंद्र द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए इसे कुमाऊं क्षेत्र में वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अग्रणी कदम माना। उन्होंने बताया कि भविष्य में हर जिले में ऐसे विज्ञान केंद्र खोले जायेंगे जहां विद्यार्थियों एवं शिक्षायकों हेतु अनेक प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जायेगा।

मानसखंड विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी और प्रभारी डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने इस पहल का नेतृत्व करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने ग्रीष्मकालीन शिविर को केंद्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और युवा पीढ़ी के बीच वैज्ञानिक सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। डॉ. जोशी ने अभिभावकों से हार्दिक अपील करते हुए उनसे समृद्ध अनुभवों और अवसरों का हवाला देते हुए अपने बच्चों को विज्ञान शिविरों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।

अल्मोड़ा में जनता से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया को स्वीकार करते हुए डॉ. जोशी ने डॉ. पंत को उनके अटूट समर्थन और प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने ऐसी पहलों का आयोजन जारी रखने की केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसका उद्देश्य युवाओं में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति जुनून पैदा करना है, जिससे उनके समग्र विकास और बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रगति में योगदान दिया जा सकें।

इस अवसर पर केंद्र में कार्यरत एमरेटस वैज्ञानिक डॉ. शेर सिंह सामंत ने भी अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने कहा कि यह प्रयोग अनूठा है एवं आने वाले वक्त में यह बच्चों के लिए बहुत लाभदायक होने वाला है। उन्होंने छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। शिविर में केंद्र के श्री प्रदीप तिवारी, शिवम् पंत, भास्कर देवरी, तम्मना बोरा, मनीष पालीवाल, संजय कनवाल तथा पारस कुमार ने शिविर को सफल बनाने में सक्रीय भूमिका निभाई।

रिपोर्टर- एस. आर. चन्द्रा भिकियासैंण

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