संगीत नाटक अकादमी में सेवारत हरसिंह मनराल ने बच्चों को सुनाई कुमाँऊनी व हिंदी बाल कविताएं।
भिकियासैंण। हिंदी के कवि व साहित्यकार हरसिंह मनराल ग्राम दरमोली सल्ट के निवासी है। वर्तमान में वे संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति विभाग (भारत सरकार) दिल्ली में सेवारत हैं। आज उनका आगमन राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बासोट में हुआ। बच्चों द्वारा हरसिंह मनराल व जसोदसिंह मनराल जी का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। तदोपरांत विद्यालय के शिक्षक कृपाल सिंह शीला द्वारा हरसिंह मनराल जी का संक्षिप्त परिचय बच्चों को कराया गया। तत्पश्चात श्री मनराल जी द्वारा बच्चों को बहुत अच्छी जीवनोपयोगी जानकारी प्रदान करने के साथ अपनी लिखी कुमाँऊनी व हिंदी बाल कविताएं सुनाई, जो बच्चों ने बहुत ध्यान से सुनी, जो सभी को बहुत अच्छी भी लगी।
वहीं उन्होंने बच्चों से भी अपनी स्वरचित व अपनी पाठ्य पुस्तक से कविता सुनाने को कहा। बच्चों द्वारा प्रस्तुत कविताओं को उनके द्वारा खूब सराहा गया। अपनी लिखी पुस्तक “मेरो पहाड़” की विद्यालय के संरक्षक नन्दकिशोर उप्रेती व विद्यालय के प्रधानाध्यापक दयाशंकर गिरी को सप्रेम भेंट की। कार्यक्रम के समापन में कृपाल सिंह शीला द्वारा मुख्य अतिथि हरसिंह मनराल व जसोदसिंह मनराल को अपनी लिखित किताब “गिरै कौतिक” सप्रेम भेंट की। विद्यालय के शिक्षक व प्रधानाध्यापक द्वारा शॉल ओढ़ाकर मुख्य अतिथि हरसिंह मनराल जी का सम्मान किया। कार्यक्रम के समापन पर संरक्षक नन्दकिशोर उप्रेती व प्रधानाध्यापक दयाशंकर गिरी द्वारा आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में गीता देवी, देवन्ती देवी, सन्तोषी देवी, पुष्पा देवी, ज्योति देवी आदि उपस्थित थे।