ऐसे गुरु को नमन, बच्चों को समर्पित जिनका जीवन, नवीन सर की शिक्षक कला के कायल हुए छात्र।
हल्द्वानी (नैनीताल)। हर कोई सलाम करें ऐसा कुछ कर दिखाने का जज्बा हर किसी में नहीं होता। शिक्षा जगत में इसे सच साबित कर दिखाया है, मूल रुप से ग्राम बनौली, देवीधुरा निवासी और वर्तमान में एमबीपीजी कॉलेज के राजनीतिक विज्ञान विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवीन शर्मा जो अपनी कक्षा में छात्र-छात्राओं को जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित करते हैं। अपनी शिक्षण कला से कई शिक्षक छात्रों को पढ़ाई करने में रुचि पैदा करते हैं। डॉ. शर्मा भी उन्हीं शिक्षकों में शुमार है।
नवीन सर सैद्धांतिक विषयों के साथ ही छात्रों में व्यक्तित्व विकास और जीवन में सफल होने के तरीके भी बताते हैं। विषय को रोचक ढंग से पढ़ाने के कारण उनकी क्लास हमेशा छात्र-छात्राओं से भरी रहती है। इस वर्ष बी. ए. प्रथम सेमेस्टर में 2500 से अधिक प्रवेश हो चुके हैं, जिसमें से अधिकांश विद्यार्थियों ने राजनीति विज्ञान विषय को चुना है। आमतौर पर एक लेक्चर में 60 छात्रों के पढ़ने का नियम है, लेकिन डॉ. नवीन शर्मा की कक्षा में 120 से अधिक छात्र-छात्राएं पहुंचते हैं। नवीन सर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को भी मार्गदर्शन देते हैं। कॉलेज के समय के अलावा यदि विद्यार्थियों को विषय में समस्या आती है, तो डॉ. शर्मा घर से ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से छात्राओं की समस्याओं का समाधान करते हैं।
छात्रों का कहना है कि नवीन सर सहज और प्रभावशाली तरीके से पढ़ाते हैं, जिससे शिक्षण में रोचकता आती है और उनका व्यवहार भी बहुत सरल है, यही कारण है कि विद्यार्थी नवीन सर की शिक्षण कला के कायल हैं और उनके लेक्चर को सुनने के लिए हमेशा उत्साहित रहते हैं। डॉ. शर्मा एमबीपीजी महाविद्यालय के ही बीए, एमए एवं योगा के टॉपर छात्र रहे हैं, और उन्होंने राजनीति विज्ञान विषय में पीएचडी भी इसी महाविद्यालय से की है। डॉ. नवीन शर्मा का कहना है कि कक्षा में बैठे सभी छात्रों का मानसिक स्तर एक जैसा नहीं होता है, इसीलिए शिक्षक को समय व व्ययैक्तिक विभिन्नता एवं मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण का ध्यान रखना पड़ता है, ताकि कक्षा में बैठे हुए प्रत्येक छात्र की समझ में विषय को आसानी से समझाया जा सकें।