उत्तराखंड शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्यों की भर्ती को लेकर जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन आयोजित।
अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य सीमित टेड़ी भर्ती के विरोध में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में राजकीय शिक्षक संघ के द्वारा धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभी जनपद मुख्यालयों में शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। भिकियासैंण ब्लॉक के सभी विद्यालयों में राजकीय शिक्षक संघ के सदस्य सामूहिक अवकाश पर रहे और उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन में प्रतिभाग किया। राजकीय शिक्षक संघ के इस चरणबद्ध आंदोलन से कुछ ही विद्यालयों में जहाँ अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, नाम मात्र के लिए शिक्षण कार्य सम्भव हो पाया।
भिकियासैंण ब्लॉक से 60 से अधिक शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया, जिनमें ब्लॉक संरक्षक, बी. डी. शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष ललित मोहन जोशी, मन्त्री दिनेश देवतल्ला, सङ्गठन मन्त्री राजेन्द्र सिंह रावत, संयुक्तमंत्री मनोज मिश्रा, कोषाध्यक्ष संजय डौर्बी, जिला कार्यकारिणी सदस्य प्रकाश भट्ट, राजेन्द्र मनराल, रविन्द्र सिंह, डॉ. हेमा रावत, राहुल कुमार, हरबंश बिष्ट, प्रकाश मठपाल, जगत भण्डारी, डॉ. महेश दुर्गापाल, अनिल कुमार, हरीश मनराल, अनुज बंसल, बी. डी. पपनै, पूर्व अध्यक्ष अखिलेश बिष्ट, कैलाश पाण्डेय, गिरीश जोशी, कुबेर मावड़ी, इन्दु मेहरा, ज्योति, राजेन्द्र सिंह आदि संघनिष्ठ शिक्षक – शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया।
अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने धरना स्थल पर उपस्थित होकर आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों को संवर्गों में बाँटकर उनमें परस्पर द्वंद्वात्मक स्थिति उत्पन्न करने का कुत्सित कर्म कर रही है, इससे शिक्षकों का मनोबल टूटा है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। धरनास्थल पर राजकीय शिक्षक संघ के मण्डलीय मन्त्री रविशंकर गुसाई, जिलाध्यक्ष भारतेन्दु जोशी, जिलामन्त्री भूपाल चिलवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष हीरा बोरा, विनोद राठौर, वर्तमान उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश पन्त, महिला उपाध्यक्ष मीनाक्षी जोशी, ताड़ीखेत ब्लॉक अध्यक्ष जीवन तिवारी, गिरीश पाण्डेय सहित अनेक वक्ताओं ने उपस्थित शिक्षक समुदाय को सम्बोधित किया और राज्य सरकार की प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नीति का विरोध करते हुए इस भर्ती को निरस्त करने की मांग की। साथ ही अति शीघ्र शिक्षकों के पदोन्नति सूची जारी करने व लम्बित सभी मांगों को पूरा करने की मांग की। अन्यथा की स्थिति में गढ़वाल – कुमाऊँ मण्डल के शिक्षक 10 सितम्बर को शिक्षा निदेशालय कूच करेंगे। जहाँ पर क्रमिक अनशन शुरु किया जाएगा। यदि सरकार अपने गलत निर्णय को वापस नहीं लेती है तो 14 सितम्बर से निदेशालय में “आमरण अनशन” शुरु कर दिया जाएगा। सरकार अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ती है तो राज्य के 95 ब्लॉक मुख्यालयों पर आमरण अनशन शुरु किया जा सकता है।
गौरतलब है कि अब तक राज्य के 43 विधायकों ने शिक्षामंत्री को पत्र लिखकर प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को निरस्त करते हुए शिक्षकों की पदोन्नति कर प्रधानाचार्य पदों को भरने के लिए राजकीय शिक्षक संघ की मांग का समर्थन किया है लेकिन राज्य सरकार विधायकों के पत्रों को भी कोई तबज्जों नहीं दे रही है। जो सरकार की हठधर्मिता, अहंकार और हिटलरशाही को दर्शाता है। रा. इ. का. रैंगल के संस्कृत प्रवक्ता भुवन जोशी ने बड़े रुचिकर – मनोरंजनपूर्ण तरीके से उपस्थित शिक्षक समुदाय से सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए द्वादश अक्षर मन्त्र “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप करवाते हुए क्रांतिकारी आंदोलन में भक्ति का संचार कर दिया। उन्होंने नारा दिया – “जो हमसे टकराएगा, 27 में पछताएगा।” राज्य सरकार को सीधी भर्ती को निरस्त करते हुए पूर्ववत प्रधानाचार्य के शत – प्रतिशत पदों को शीघ्र ही पदोन्नति से भरने का निर्णय शीघ्र ही लेना चाहिए, क्योंकि इतिहास साक्षी है कि जब- जब अध्यापकों का आंदोलन हुआ है, तब – तब सत्ता में परिवर्तन हुआ है। राज्य सरकार अपनी हठधर्मिता, अभिमान और अति आत्मविश्वास के कारण शिक्षकों की उपेक्षा करना छोड़ दे, अन्यथा गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।