बनबसा चंपावत में तीन दिवसीय “मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती व धूप निर्माण ट्रेनिंग कार्यशाला” का हुआ समापन।
बनबसा (चम्पावत)। सहयोग फाउंडेशन, खटीमा द्वारा ग्राम पंचायत देवीपुरा, मझगाँव में 30 महिलाओं के समूह को अगरबत्ती बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा प्रायोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि हल्द्वानी से आमंत्रित शिक्षाविद एन. ठाकुर द्वारा शिव मंदिर धनुष पुल के परिसर में किया गया, जिसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान दीपक चंद ने की। कार्यशाला संयोजक निर्मल न्योलिया द्वारा कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सम्मुख रखते हुए कहा कि पारंपरिक स्वदेशी ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के बीच एक समन्वय स्थापित करने हेतु सीमांत क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं में ऐसे कौशल विकसित करने की जरुरत है, जिससे वह अपने परिवेश में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल कर बहुमूल्य जैविक उत्पाद तैयार कर सकते हैं। इस कार्य के लिए अपने खेती आधारित जीवन शैली के मध्य उन्हें घर छोड़ने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी और आमदनी बढ़ने से जीवन खुशहाल हो सकेगा।
सहयोग फाउंडेशन के तकनीकी सलाहकार विपुल भट्ट ने प्रशिक्षित महिलाओं को भविष्य में इस कार्यक्रम से जुड़कर उत्पाद तैयार करने में पहल करने की अपील की, जिन उत्पादों को फाउंडेशन द्वारा सरस मेलों तक ले जाया जा सकें। मुख्य प्रशिक्षक राधा पाण्डेय, सुंदरम स्वयं सहायता समूह जवाहर नगर नगला, पंत नगर द्वारा 6 सत्रों में अगरबत्ती निर्माण हेतु सामग्री का चयन, मापन, मिश्रण तैयार करना, मिश्रण से अगरबत्ती और धूप तैयार करवाया गया। महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ तीन समूहों में अगल-अलग उत्पाद करना सीखा। मैप फार्म नगला से प्राप्त लेमनग्रास की तीन प्रजातियों के तेल का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाली धूप व अगरबत्ती बनाने में किया गया। समापन सत्र में कार्यशाला की उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सहयोग फाउंडेशन की अध्यक्षा अंजु भट्ट ने यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत का आभार व्यक्त किया, व प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने के लिए देवीपुरा स्वयं सहायता समूह की ग्रुप लीडर राधा चंद को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पंचायत के कई सदस्य तथा प्रोजेक्ट बेयोंड एडुकेशन के सदस्य सम्मलित रहे।