संगठनात्मक शक्तियों को रचनात्मक कार्यों में लगाया जाएं: प्रोफेसर नगेंद्र द्विवेदी।
भवाली/रामगढ़। राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ नैनीताल में हर्षोल्लास के साथ “संविधान दिवस” मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजिका नीमा पंत ने संविधान के निर्माण, संविधान दिवस, संविधान निर्माण समिति एवं संविधान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने अनुच्छेद 23, अनुच्छेद 21 के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तार से बताया। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के जीवनवृत के बारे में उन्होंने विस्तार पूर्वक बताया। संविधान को बनने में आने वाली पेचीदगियों के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया। तमाम अनुच्छेद, तमाम धाराएं, तमाम संशोधनों से उन्होंने छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।
कार्यक्रम में समाजशास्त्र के प्राध्यापक हरेश राम ने छात्र-छात्राओं को यह बताया कि कैसे संविधान बना और कैसे संविधान देश के लिए आवश्यक था। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील करी कि वह संविधान की बारीकियों को समझें। संविधान के अर्थ को समझें और संविधान के अनुरुप अपने आचरण और व्यवहार को बनाए रखें। उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से छात्र-छात्राओं में जागरुकता का प्रयास किया। अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. हरीश चंद्र जोशी ने इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भारतीय संविधान की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसमें कर्तव्यों की बात ज्यादा की जाती है और अधिकारों की कम। हमें अपने व्यवहारिक जीवन में भी इसी का अनुसरण और अनुकरण करना चाहिए। प्रकृति में कोई भी संस्था, समाज, परिवार, राष्ट्र एक निश्चित विधान और संविधान से ही चलता है। हमें इसका पालन करना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रोफेसर नगेंद्र द्विवेदी जी ने कहा कि हमें संविधान का अक्षरशः पालन करना चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं के समक्ष तमाम रोचक, किस्सों के माध्यम से उन्हें जागरुक करने का प्रयास किया। उनका कहना था कि बाबा साहब ने जो संविधान बनाया है हम सबको इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त होनी चाहिए ताकि हम अन्य लोगों को भी जागरुक कर सकें। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर निर्मला रावत ने किया। इस अवसर पर हिमांशु बिष्ट, सुश्री दीप्ती, कुंदन गोस्वामी, गणेश बिष्ट, कमलेश और प्रेम भारती सहित समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में कार्यक्रम की संयोजिका नीमा पन्त के द्वारा सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।